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अंक दिया 56, फाइल में चढ़ाया 36
अपनी लिखावट भी नहीं पहचान पाते शिक्षक सुनील कुमार झा रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल के निर्देश के बाद भी शिक्षक मूल्यांकन के निर्देशों का पालन नहीं करते. उत्तर पुस्तिका में अंक लिखने में सावधानी नहीं बरतते. इंटर परीक्षा 2015 में साइंस परीक्षा में एक परीक्षार्थी को परीक्षक ने एक विषय में कुल 70 में […]
अपनी लिखावट भी नहीं पहचान पाते शिक्षक
सुनील कुमार झा
रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल के निर्देश के बाद भी शिक्षक मूल्यांकन के निर्देशों का पालन नहीं करते. उत्तर पुस्तिका में अंक लिखने में सावधानी नहीं बरतते. इंटर परीक्षा 2015 में साइंस परीक्षा में एक परीक्षार्थी को परीक्षक ने एक विषय में कुल 70 में 56 अंक दिये. मुख्य पृष्ठ पर अंकों के योग के बाद कुल प्राप्तांक में परीक्षक ने 56 को ऐसे लिखा कि वह पढ़ने में 36 लग रहा था.
फाइल पर अंक चढ़ाने के दौरान परीक्षक भी अपने दिये अंक को पढ़ नहीं सके और परीक्षार्थी को 36 अंक ही दे दिया. जबकि उत्तर पुस्तिका के मुख्य पृष्ठ पर शब्द में 56 ही लिखा गया था.
लेकिन इस पर गौर नहीं किया. प्राप्तांक से असंतुष्ट परीक्षार्थी ने बाद में स्पेशल स्क्रूटनी के तहत आवेदन दिया. जैक ने इस पर त्वरित कार्रवाई की और उत्तर पुस्तिका की स्क्रूटनी करायी गयी. स्क्रूटनी में विद्यार्थी को कुल 58 अंक मिले. 70 में 58 अंक मिलने के बाद परीक्षार्थी इंटरमीडिएट साइंस में स्टेट में टॉप टेन में आ गया. इसके बाद जैक ने इस विद्यार्थी का रिजल्ट फिर से जारी किया.
नहीं करते निर्देश का पालन
परीक्षक मूल्यांकन में लापरवाही बरतते है. जैक के निर्देश का पालन नहीं करते. परीक्षकों को उत्तर पुस्तिका का प्राप्तांक फाइल में स्वत: चढ़ाने का निर्देश दिया जाता है. जबकि कई परीक्षक अपने सहयोगी ऐसा कराते हैं. इससे कई बार गलती हो जाती है. पिछले वर्ष भी इस तरह का मामला सामने आया था. परीक्षार्थी को 60 अंक था, पर मार्क्स फाइल में सात अंक दिया गया था.
शिक्षक के लिए हर प्रशिक्षण फेल
मूल्यांकन शुरू होने से पूर्व प्रति वर्ष राज्य भर के मूल्यांकन केंद्र निदेशक को प्रशिक्षित किया जाता है. मूल्यांकन में होनेवाली गड़बड़ी के बारे में बताया जाता है. अंकों के लिखावट व योग में होनेवाली गड़बड़ी से संबंधित उत्तर पुस्तिका भी दिखायी जाती है. इसके बाद भी शिक्षक मूल्यांकन के दौरान वहीं गलती करते हैं.
जैक प्रतिवर्ष विभाग को भेजता नाम
जैक मूल्यांकन में गड़बड़ी करनेवाले शिक्षकों के नाम प्रति वर्ष मानव संसाधन विकास विभाग को भेजता है. अपने स्तर से शिक्षकों को ब्लैक लिस्टेड करता है. शिक्षक जैक के अधीन नहीं होते, इसलिए विभागीय कार्रवाई के लिए नाम जैक को भेजा जाता है.
नि:शक्त को फिजिक्स में नहीं दिया नंबर
रांची : धनबाद के नि:शक्त छात्र भुभन रजवार को इंटर की परीक्षा में भौतिकी में नंबर ही नहीं दिया गया. उसका रोल कोड 23031 व रोल नंबर 10320 है. वह राजगंज इंटर कॉलेज का छात्र है. सभी विषय में पास है. परीक्षा केंद्र अधीक्षक की रिपोर्ट में भुभन 27 फरवरी को हुई भौतिकी की परीक्षा में उपस्थित था. अब वह अपने रिजल्ट के लिए दो माह से जैक का चक्कर लगा रहा है. उसके दोनों पैर काम नहीं करते
वैशाखी के सहारे चलता है. पिता मजदूर हैं. किसी तरह परिवार का भरन-पोषण करते हैं. धनबाद से रांची आने के लिए उसे एक सहयोगी की मदद लेनी पड़ती है. एक बार रांची आने पर कम से कम 1000 रुपये खर्च होते हैं. मंगलवार को भी वह अपना रिजल्ट सुधरवाने जैक कार्यालय आया था.
उसने बताया : एक सहयोगी से पैसे उधार लेकर आये हैं. अब अगर उसका रिजल्ट दिया भी जाता है, तो उसे स्नातक में नामांकन में काफी परेशानी होगी. सभी कॉलेजों में नामांकन प्रक्रिया बंद हो गयी है. पूछे जाने पर जैक के एक कर्मचारी ने बताया : भुभन की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन केंद्र से मंगा ली गयी है. इस माह अंत तक रिजल्ट मिल जायेगा.
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