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नासिक कुंभ के लिए रांची से दो ट्रेन
रांची : नासिक कुंभ तक जाने के लिए रांची से दो ट्रेन हैं. ये सप्ताह में तीन दिन उपलब्ध हैं. हटिया-मुंबई (12812) शुक्रवार व शनिवार को है. यह सुबह 9.40 बजे हटिया से निकलती है और अगले दिन सुबह 9.05 बजे नासिक पहुंच जाती है. वहीं, दूसरी ट्रेन रांची-मुंबई (18609) है. यह बुधवार को रांची […]
रांची : नासिक कुंभ तक जाने के लिए रांची से दो ट्रेन हैं. ये सप्ताह में तीन दिन उपलब्ध हैं. हटिया-मुंबई (12812) शुक्रवार व शनिवार को है. यह सुबह 9.40 बजे हटिया से निकलती है और अगले दिन सुबह 9.05 बजे नासिक पहुंच जाती है. वहीं, दूसरी ट्रेन रांची-मुंबई (18609) है. यह बुधवार को रांची से रात 9.05 बजे खुलती है और तीसरे दिन (शुक्रवार) सुबह 7.45 बजे नासिक पहुंचती है.
वापसी पर भी तीन ट्रेन हर सप्ताह है. इसमें मुंबई-हटिया (12811) रविवार व सोमवार को है. यह रात 3.55 बजे नासिक से खुलती है और दूसरी रात 3.45 बजे हटिया पहुंचती है. वहीं, मुंबई-रांची (18610) ट्रेन शनिवार को चलती है. यह रात 7.25 बजे नासिक से खुलती है और तीसरे दिन (सोमवार) को सुबह 7.25 बजे रांची पहुंचती है.
उल्लेखनीय है कि नासिक में सिंहस्थ कुंभ की शुरुआत हो गयी है. मंगलवार को ध्वजारोहण समारोह के साथ ही लाखों श्रद्धालुओं ने शिव मंदिर के पास स्थित कुशावर्त तीर्थ में डुबकी लगायी. 25 सितंबर तक चलनेवाले इस मेले में 315 एकड़ का साधु ग्राम बनाया गया है.
इस साधु ग्राम में सैकड़ों तंबू लगाये गये हैं. यहां शौचालयों, 24 घंटे पेयजल, एलपीजी सिलिंडरों और बिजली की व्यवस्था की गयी है. त्र्यंबकेश्वर में शाही स्नान की तिथि 29 अगस्त, 13 सितंबर और 25 सितंबर हैं, जिसमें विभिन्न अखाड़े भाग लेंगे. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से जब माघ के महीने में सूर्य और बृहस्पति एक साथ सिंह राशि में प्रवेश करते हैं, तब नासिक और त्र्यंबकेश्वर में कुंभ का आयोजन होता है. कुंभ मेले का आयोजन देश में चार स्थान हरिद्वार, इलाहाबाद (प्रयाग), नासिक और उज्जैन में होता है.
प्रत्येक स्थान पर प्रति बारहवें वर्ष इस पर्व का आयोजन होता है. हरिद्वार और प्रयाग में दो कुंभ के बीच छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता है. मान्यता के अनुसार समुद्रमंथन से प्राप्त अमृत के कुंभ से इन चारों स्थानों पर अमृत की कुछ बूंदें गिर गयी थीं. यहीं पर कुंभ मेले का आयोजन होता है. इस दौरान यहां स्नान करने से काफी पुण्य मिलता है.
बन गयी 32 हजार किमी सड़क पर मेंटेनेंस पॉलिसी तक नहींपड़ा हुआ है पैसा
ग्रामीण कार्य विभाग में इस बार सड़कों की मरम्मत के लिए पैसा पड़ा हुआ है. पर इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है. अफसरों के मुताबिक बरसात के पहले ही राशि लेकर जजर्र सड़कों का निर्माण कराना था. जिन सड़कों में गड्ढे थे, उसे भरना था, पर ऐसा नहीं हुआ. पैसा बिना इस्तेमाल के पड़ा रह गया है.
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