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मार्च 2016 तक चालू हो सकती है पारादीप-खूंटी पाइपलाइन
अक्तूबर 2015 तक चार एकड़ जमीन मिल जायेगी डिपो के लिए दिनेश केडिया रांची : इंडियन ऑयल की पारादीप-खूंटी पाइपलाइन योजना के निर्माण ने गति पकड़ ली है. यह परियोजना अब मार्च 2016 तक पूरी हो सकती है. पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद इसके काम में गति आयी है. पिछले माह 24 जून को प्रधानमंत्री […]
अक्तूबर 2015 तक चार एकड़ जमीन मिल जायेगी डिपो के लिए
दिनेश केडिया
रांची : इंडियन ऑयल की पारादीप-खूंटी पाइपलाइन योजना के निर्माण ने गति पकड़ ली है. यह परियोजना अब मार्च 2016 तक पूरी हो सकती है. पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद इसके काम में गति आयी है.
पिछले माह 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रगति पोर्टल पर इस परियोजना की समीक्षा की गयी. इसमें झारखंड, ओड़िशा व छत्तीसगढ़ के अधिकारियों से बात कर समस्या व उसके उपाय पर चर्चा की गयी. इसके बाद ही परियोजना के मार्च 2016 तक पूरा होने का रास्ता साफ हो पाया है. 2012 में पूरी होने वाली इस परियोजना के लिए जरूरी जमीन अक्तूबर 2015 तक अधिग्रहित कर कंपनी को दी जायेगी.
वहीं पाइपलाइन बिछाने के लिए कंपनी ने नयी पार्टी को काम सौंप दिया है. परियोजना में झारखंड में 98 किमी पाइपलाइन बिछायी जानी है. इसमें 70 किमी का काम पूरा हो गया है.
22 एकड़ जमीन ही मिली
इंडियन ऑयल को टीटॉप प्वाइंट (डिपो) बनाने के लिए राज्य सरकार ने खूंटी में 27.99 एकड़ जमीन देने का वादा किया था. यह जमीन कृषि विभाग की थी. पूरी जमीन पर सरकार का कब्जा था.
बाद में 4.99 एकड़ जमीन पर ग्रामीणों ने अधिकार जताया. प्रोजेक्ट की डिजाइनिंग 27.99 एकड़ जमीन के अनुसार ही की थी. कंपनी ने 25 लाख रुपये मुआवजे की राशि भी सरकार के पास जमा करा दी थी. इसके बाद भी जमीन नहीं मिल पा रही है.
पीएमओ ने अक्तूबर तक जमीन का अधिग्रहण कर कंपनी को सौंपने का निर्देश दिया है. कंपनी ने स्थानीय उपायुक्त को नया आवेदन दिया है. जब इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गयी थी, तो झारखंड में 164 करोड़ रुपये खर्च होने थे. अब 350 करोड़ से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है.
सभी को होगा फायदा
इस परियोजना के शुरू होने से न केवल कंपनी को बल्कि सरकार व आम लोगों को भी फायदा होगा. सरकार का राजस्व बढ़ेगा. साथ ही एक्साइज डय़ूटी जो अभी हल्दिया या बरौनी को मिल रही है, वह भी झारखंड के हिस्से में आ जायेगी. बड़ी संख्या में लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिलता.
इस परियोजना से प्रदूषण नहीं होता. इससे सरकार को कार्बन क्रेडिट का लाभ भी मिलेगा. वहीं आम लोगों को कुछ कम कीमत पर पेट्रोल-डीजल मिलते. कारण कि पाइपलाइन से ट्रांसपोर्टेशन रेलवे की तुलना में काफी सस्ता पड़ता है. ट्रांसपोर्टेशन कीमत में लगभग 30 प्रतिशत की कमी आती.
इंडियन ऑयल की पारादीप-खूंटी परियोजना जल्द पूरी होने की संभावना है. राज्य सरकार ने सकारात्मक कदम उठाये हैं. खूंटी में जमीन मिलते ही वहां डिपो का निर्माण कार्य पूरा कर दिया जायेगा.
नित्यानंद कुमार, उप प्रबंधक (निर्माण), इंडियन ऑयल
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