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1.52 करोड़ रुपये होंगे वापस

सेंट्रल सेक्टर स्कॉलरशिप स्कीम के तहत छात्रवृत्ति के – सुनील कुमार झा – रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) की लापरवाही के कारण राज्य के मेधावी बच्चे छात्रवृत्ति से वंचित हो गये. अब तक राज्य के बच्चों को लगभग 1.52 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. अब यह राशि केंद्र को वापस की जायेगी. सेंट्रल […]

सेंट्रल सेक्टर स्कॉलरशिप स्कीम के तहत छात्रवृत्ति के

– सुनील कुमार झा

रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) की लापरवाही के कारण राज्य के मेधावी बच्चे छात्रवृत्ति से वंचित हो गये. अब तक राज्य के बच्चों को लगभग 1.52 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. अब यह राशि केंद्र को वापस की जायेगी.

सेंट्रल सेक्टर स्कॉलरशिप स्कीम के तहत इंटर पास विद्यार्थियों को स्नातक की पढ़ाई के लिए तीन वर्ष तक 10-10 हजार रुपये देने का प्रावधान है. योजना वर्ष 2008 से लागू है. इसके लिए राशि भारत सरकार द्वारा दी जाती है. योजना पूरी तरह केंद्र प्रायोजित है, पर झारखंड में अब तक योजना के तहत आनेवाले 10 फीसदी बच्चों को भी इसका लाभ नहीं मिला है.

झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा बच्चों के नाम भारत सरकार को नहीं भेजे गये और अगर कभी भेजे भी गये, तो गलत नाम भेज दिये गये. सूचना के अधिकार के तहत गोड्डा के सुनील जायसवाल ने अपनी बेटी की छात्रवृत्ति के लिए जैक से जानकारी मांगी. इसके बाद जैक छात्रवृत्ति को लेकर हरकत में आयी.

वर्ष 2010 में इंटर पास खुशबू कुमारी को 2012 में आकर छात्रवृत्ति दी गयी. खुशबू पहली विद्यार्थी थी, जिसे इस योजना के तहत छात्रवृत्ति मिली.

छात्रवृत्ति का प्रावधान

इंटरमीडिएट कला, विज्ञान वाणिज्य संकाय में 80 परसेंटाइल अंक पानेवाले विद्यार्थी (टॉपर विद्यार्थी के कुल अंक का 80 फीसदी अंक लानेवाले विद्यार्थी 80 परसेंटाइल में आयेंगे) को छात्रवृत्ति दी जाती है. इसमें विज्ञान, वाणिज्य कला का अनुपात 3:2:1 हैं. छात्रछात्राओं का अनुपात 1:1 है. इसमें ओबीसी को 27 फीसदी, एससी 15 फीसदी, एसटी 7.5 फीसदी शारीरिक विकलांग को तीन फीसदी आरक्षण का प्रावधान है.

घिस गयी चप्पलें

सुनील जायसवाल की लंबी लड़ाई के बाद वर्ष 2010 में जैक ने 1878 विद्यार्थियों के नाम जारी किये. इनमें से 1104 विद्यार्थियों ने आवेदन जमा किये. आवेदन जमा करनेवाले विद्यार्थियों में से लगभग 200 को ही छात्रवृत्ति मिली.

विद्यार्थियों द्वारा सही जानकारी नहीं देने के कारण 900 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं दी गयी. सुनील जायसवाल ने बताया कि जैक अगर चाहती, तो गड़बड़ी में सुधार कर विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दे सकती थी. जैक का चक्कर लगातेलगाते चप्पल घिस गयी, तब जाकर बेटी को छात्रवृत्ति मिल सकी.

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