कल्याण विभाग के मेसो अस्पताल10 साल में भी संचालन शुरू नहींवरीय संवाददाता रांचीकल्याण विभाग के पांच मेसो अस्पताल दो साल पहले बन गये, पर इनका संचालन नहीं हो रहा है. संचालन के लिए एजेंसी का चयन किया जाना है, पर अभी टेंडर निकलने की प्रक्रिया में ही है. विधानसभा में विधायक शिव शंकर उरांव के सवाल पर सरकार ने 26 मार्च 2015 को सदन में बताया था कि एजेंसी के चयन के लिए जनजातीय सहकारी विकास निगम (टीसीडीसी), मोरहाबादी ने निविदा आमंत्रित की है. इधर, विभागीय सूत्रों के अनुसार टेंडर निकालने की प्रक्रिया चल रही है. गौरतलब है कि सरकार ने राज्य के 14 मेसो क्षेत्र में अस्पताल बनाने का निर्णय जुलाई 2003 में लिया था, लेकिन पांच मेसो अस्पतालों का संचालन आज तक नहीं हो पाया है. इससे पहले नौ अस्पताल करीब तीन वर्ष विलंब से फरवरी-09 में शुरू हुए थे. इनके संचालन के लिए सरकार प्रति अस्पताल सालाना 1.59 करोड़ रुपये का भुगतान करती है. दूर दराज के इलाके के वंचित व गरीबों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने वाले ये अस्पताल 50 बेड के हैं. इनमें फर्स्ट रेफरल यूनिट (एफअ़ारयू) की सुविधा होती है. इन अस्पतालों का संचालन लोक निजी भागीदारी (पीपीपी मोड) के तहत गैर सरकारी संस्थाओं, ट्रस्ट या किसी अस्पताल प्रबंधन के जरिये होना है. मेसो अस्पताल के निर्माण के लिए धन केंद्र सरकार ने आर्टिकल 275(1) के तहत दिया है. निर्माण में प्रति अस्पताल औसतन 1.30 करोड़ रु खर्च हुए हैं. बन कर बेकार अस्पताल स्थानजिलाबड़ाचिरूप.सिंहभूममनन चुटांगलातेहारबानोसिमडेगालोधोडीहप.सिंहभूमनागफेनीगुमला
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अब तक नहीं निकला अस्पताल संचालन के लिए टेंडर
कल्याण विभाग के मेसो अस्पताल10 साल में भी संचालन शुरू नहींवरीय संवाददाता रांचीकल्याण विभाग के पांच मेसो अस्पताल दो साल पहले बन गये, पर इनका संचालन नहीं हो रहा है. संचालन के लिए एजेंसी का चयन किया जाना है, पर अभी टेंडर निकलने की प्रक्रिया में ही है. विधानसभा में विधायक शिव शंकर उरांव के […]
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