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सरकार की पहल: अब नयी शिक्षा नीति से जुड़ेगी जनजातीय भाषा
रांची: राज्य में कक्षा एक से दस तक में जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू होगी. इसके लिए शिक्षा विभाग में आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. शिक्षा सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में बुधवार को विषय विशेषज्ञों की बैठक रातू स्थित डायट सभागार में हुई. बैठक में जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू करने को […]
रांची: राज्य में कक्षा एक से दस तक में जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू होगी. इसके लिए शिक्षा विभाग में आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. शिक्षा सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में बुधवार को विषय विशेषज्ञों की बैठक रातू स्थित डायट सभागार में हुई. बैठक में जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू करने को लेकर राज्य में अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा की गयी. विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों के तैयार पाठ्यक्रम व किताब की स्थिति के बारे में बताया. कुछ विषयों की किताब कक्षा एक से दस तक के लिए उपलब्ध है, जबकि कुछ विषयों में कक्षा एक से पांच तक की ही किताब उपलब्ध है. बैठक में निर्णय लिया गया कि जनजातीय भाषा की किताब व पाठ्यक्रम की स्थिति की जानकारी के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा.
कार्यशाला में सभी विषय के विशेषज्ञों को संबंधित भाषा के पुस्तक व पाठ्यक्रम लाने को कहा गया है. कार्यशाला में जनजातीय भाषा की पुस्तक व पाठयक्रम में नयी शिक्षा नीति के अनुरूप किया गया बदलाव हो, इस पर विचार किया जायेगा. कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा दिये गये सुझाव के अनुरूप पाठयक्रम में बदलाव किया जायेगा. पाठयक्रम में बदलाव के बाद किताब की छपाई की जायेगी. विभाग वर्तमान शैक्षणिक सत्र से विद्यालयों में जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी में है. पहले कक्षा नौ व दस में पढ़ाई शुरू होगी.
पांच भाषाओं की होगी पढ़ाई
प्रथम चरण में पांच जनजातीय भाषा की पढ़ाई शुरू होगी. संताली, खड़िया, मुंडारी, हो व कुड़ुख भाषा की पढ़ाई शुरू होगी. इसके बाद क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई शुरू की जायेगी. चरणबद्ध तरीके से सभी जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की कक्षा एक से दस तक में पढ़ाई शुरू होगी. अगले शैक्षणिक सत्र तक सभी भाषाओं की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी है.
मैट्रिक व इंटर में होती परीक्षा
राज्य में मैट्रिक व इंटरमीडिएट स्तर पर जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की परीक्षा होती है, पर अब तक विद्यालयों में इसकी पढ़ाई नहीं होती थी. जनजातीय भाषा के शिक्षक नहीं थे. किताब भी उपलब्ध नहीं थी. विद्यार्थी बिना शिक्षक व किताब के ही परीक्षा में शामिल होते थे. जनजातीय भाषा के शिक्षक नहीं होने के कारण मैट्रिक की उत्तरपुस्तिका की जांच विवि के शिक्षकों के द्वारा किया जाता था.
शिक्षकों की हुई नियुक्ति
राज्य में उच्च विद्यालयों में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति पत्र का वितरण इसी माह किया जायेगा. शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. इसके अलावा प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू है. शिक्षक पात्रता परीक्षा में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा को अनिवार्य किया गया है.
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