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पांच साल से नहीं पास हो रहे हैं नक्शे

एग्रीकल्चर लैंड का हवाला देकर नहीं पास हो रहा है नक्शा सतीश कुमार/दिनेश केडिया, रांची रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) द्वारा पिछले पांच सालों से आवासीय परिसर व व्यावसायिक कांप्लेक्स के निर्माण के लिए नक्शे पास नहीं किये जा रहे हैं. इससे इन क्षेत्रों में विकास कार्य ठप पड़ गया है. इस दौरान निजी आवासों […]

एग्रीकल्चर लैंड का हवाला देकर नहीं पास हो रहा है नक्शा
सतीश कुमार/दिनेश केडिया, रांची
रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) द्वारा पिछले पांच सालों से आवासीय परिसर व व्यावसायिक कांप्लेक्स के निर्माण के लिए नक्शे पास नहीं किये जा रहे हैं. इससे इन क्षेत्रों में विकास कार्य ठप पड़ गया है. इस दौरान निजी आवासों के लिए इक्के-दुक्के ही नक्शे पास हुए हैं. आरआरडीए में अभी भी लगभग 200 नक्शे फंसे हुए हैं. इन नक्शों से लगभग 65 लाख वर्गफीट का निर्माण होना है.
जानकारी के अनुसार, आरआरडीए के पास बड़ी-बड़ी टाउनशिप के नक्शे अटके पड़े हैं. इनके पास होने से न केवल बाजार में बड़ी मात्र में पैसा आता, बल्कि हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता. जमीन की दर कम होने के कारण खरीदारों को भी सस्ते दर पर फ्लैट आदि मिल पाते. वहीं सारा बोझ नगर निगम क्षेत्र पर पड़ रहा है.
नक्शे नहीं पास करने के पीछे आरआरडीए का तर्क है कि मास्टर प्लान 1983 के अनुसार एग्रीकल्चर लैंड पर नक्शे पास नहीं किये जा सकते हैं. अभी आरआरडीए क्षेत्र में पड़नेवाली ज्यादातर जमीन एग्रीकल्चर (कृषि) प्रकृति की है. ऐसे में इस पर नक्शे पास नहीं किये जा सकते हैं. वहीं प्रस्तावित मास्टर प्लान में ग्रीन लैंड को छोड़ कर सभी जमीनों पर निर्माण की अनुमति देने का प्रावधान है.
नये मास्टर प्लान 2037 में नगर निगम क्षेत्र के बाद के 236 गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव है. पुराने मास्टर प्लान के 32 साल के बाद भी आरआरडीए क्षेत्र का सही तरीके से विकास नहीं हो पा रहा है. इसका असर राजधानी समेत पूरे रांची जिले पर पड़ रहा है.
छूट का मिला है प्रावधान
कृषि भूमि पर नक्शे पास करने को लेकर नगर विकास विभाग में बिल्डिंग बायलॉज 2002 (संशोधन 2006) में छूट का प्रावधान किया है. एपेंडिक्स एम के तहत जमीन की प्रकृति में निर्माण को लेकर इसमें स्थिति स्पष्ट की गयी है. इसी में कृषि भूमि पर शिक्षण संस्थान, होस्टल, आवासीय व सांस्कृतिक बिल्डिंग के निर्माण की अनुमति दी गयी है. इसे स्वीकृत करते हुए जहां रांची नगर निगम द्वारा एग्रीकल्चर लैंड पर नक्शे पास किये जा रहे हैं.
वहीं आरआरडीए नक्शा पास नहीं कर रहा है. आरआरडीए को इसके लिए नगर विकास विभाग से अनुमति भी मिल चुकी है. 2013 में ही विभाग ने आरआरडीए को कृषि क्षेत्र में भवन प्लान की स्वीकृति के निर्देश दिये थे. इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गयी.
बेतरतीब हो रहा है निर्माण
नगर निगम क्षेत्र से बाहर के 54 गांवों के विकास में आरआरडीए की भूमिका अहम है. इन क्षेत्रों में निर्माण के नक्शे आरआरडीए को ही पास करने हैं. आरआरडीए द्वारा पांच साल से नक्शे पास नहीं हो रहे हैं. इससे इन क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित हैं. बिना अनुमति के निर्माण कार्य हो रहे हैं, तो वह बेतरतीब हैं. न तो सही तरीके से सड़कें छोड़ी जा रही हैं और न ही बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है.

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