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गड़बड़ी मामले में केस दर्ज करने का आदेश

रांची : चतरा में समेकित आवासीय मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम (आइएचएसडीपी) के तहत लाभुकों को आवास बनाने के लिए रुपये आवंटित करने के नाम पर करोड़ों के घोटाले में सरकार ने निगरानी को प्राथमिकी दर्ज का आदेश दिया है. मामले में निगरानी ने करीब एक वर्ष पूर्व प्रारंभिक जांच पूरी कर सरकार के पास रिपोर्ट […]

रांची : चतरा में समेकित आवासीय मलिन बस्ती विकास कार्यक्रम (आइएचएसडीपी) के तहत लाभुकों को आवास बनाने के लिए रुपये आवंटित करने के नाम पर करोड़ों के घोटाले में सरकार ने निगरानी को प्राथमिकी दर्ज का आदेश दिया है.
मामले में निगरानी ने करीब एक वर्ष पूर्व प्रारंभिक जांच पूरी कर सरकार के पास रिपोर्ट भेज कर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी थी. जांच में निगरानी ने पांच वार्ड पार्षर्दो, इंजीनियर सहित 12 लोगों को दोषी पाया था.
निगरानी ने जांच में पाया है कि आवासीय योजना का लाभ देने के लिए वार्ड एक से 12 के कुल 932 लाभुकों का चयन कर डीपीआर तैयार किया था. इनमें से कुल 672 नये व पुराने लाभुकों को योजना का लाभ दिया गया. 250 लाभुक डीपीआर के बाहर के हैं. जांच में यह भी पाया गया कि योजना के रुपये से जिन आवासों का निर्माण हुआ, वह नक्शा के अनुरूप नहीं है.
गलत तरीके से लाभ दिलाया: निगरानी ने जांच में यह भी पाया है कि वार्ड नंबर एक के पार्षद भोला बिहारी लाल ने पूर्व से बन रहे मकान के आधार पर योजना का लाभ अपनी भाभी कुसुम देवी, भांजा मनोज कुमार को दिया . उनका नाम भी डीपीआर में शामिल नहीं था.
वार्ड नंबर तीन के पार्षद बजाहुल हक ने राजदा खातून, अखतरी खातून, सखरी खातून, सावना खातून, शैबन मियां और अफजल अंसारी को गलत ढंग से योजना का लाभ दिया. वार्ड नंबर 05 की पार्षद मालती देवी, सुकन मांझी और दसनी देवी को योजना का लाभ गलत ढंग से दिया. वहीं वार्ड नंबर 06 के पार्षद सावरा खातून ने गुलजार अहमद योजना को गलत ढंग योजना का लाभ दिया.
वार्ड नंबर 12 के पार्षद गुलाम मेंहदी को निगरानी ने 29 मई 2012 को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. निगरानी ने जांच में पाया कि एक लाभुक ने जब उन्हें योजना का लाभ लेने के लिए रिश्वत नहीं दिया था, तब उन्होंने लाभुक का नाम ही सूची से हटा दिया था. चतरा के स्थानीय लोगों ने जांच के दौरान निगरानी को बताया कि जिन लोगों ने योजना का लाभ लेने के लिए रिश्वत के रूप में 30-35 हजार रुपये नहीं दिये, उनका नाम अंतिम सूची से हटाया गया है. जिन्होंने रिश्वत दिये, उनका नाम बाद में जोड़ा गया.
इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए मांगी अनुमति
वार्ड नंबर एक के पार्षद भोला बिहारी लाल, वार्ड नंबर तीन के पार्षद बजाहुल हक, वार्ड नंबर पांच की पार्षद मालती देवी, वार्ड 06 की पार्षद सावरा खातून, वार्ड 12 के पार्षद गुलाम मेहंदी, कार्यपालक पदाधिकारी (नगर पार्षद चतरा), अमेरिकन रविदास, रवींद्र कुमार सिंह, तत्कालीन भू- अजर्न पदाधिकारी सह उपायुक्त प्रतिनिधि राम खंडेलवाल व कनीय अभियंता सुनील कुमार वर्णवाल और सुरेश प्रसाद गुप्ता.

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