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एक ही दिन क्यों बुलायी 22 समितियों की बैठक!

रांची : विधानसभा की सभी 22 समितियों की बैठक एक ही दिन गुरुवार को बुलायी गयी. समितियों की बैठक के बहाने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लिए आयोजित संगोष्ठी में 20 विधायक शामिल हुए. खाद्य आपूर्ति विभाग की संगोष्ठी में विधायकों को आमंत्रित किया गया था. स्पीकर दिनेश उरांव द्वारा जारी आदेश के तहत सभी विधानसभा […]

रांची : विधानसभा की सभी 22 समितियों की बैठक एक ही दिन गुरुवार को बुलायी गयी. समितियों की बैठक के बहाने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लिए आयोजित संगोष्ठी में 20 विधायक शामिल हुए. खाद्य आपूर्ति विभाग की संगोष्ठी में विधायकों को आमंत्रित किया गया था.

स्पीकर दिनेश उरांव द्वारा जारी आदेश के तहत सभी विधानसभा समितियों की बैठक बुलायी गयी. पर, बैठक के नाम पर केवल खानापूर्ति हुई. कई समितियों के सभापति और सदस्य (सभी नहीं) रजिस्टर में सिर्फ हस्ताक्षर किया और संगोष्ठी में पहुंच गये. विधानसभा के कुल 22 समितियों में तीन से छह विधायक सदस्य के रूप में शामिल हैं. सूचना के मुताबिक, संगोष्ठी में विधायकों की उपस्थिति सुनिश्चित हो, इसलिए विधानसभा सचिवालय की ओर से सभी समितियों की बैठक एक ही दिन बुलाने के उपाय किये गये.

विधायकों को मिलता है टीए : समिति की बैठक में शामिल होनेवाले विधायकों को यात्र भत्ता मिलता है. 15 रुपये प्रति किमी की दर से यात्र भत्ता तय है. राजधानी के बाहर से आने वाले विधायकों को औसतन आठ से 12 हजार रुपये यात्र भत्ता के रूप में मिल जाता है. समितियों की बैठक लगातार हुई, तो एक हजार रुपये दैनिक भत्ता के रूप मिलता है.

नहीं बुलाये गये अधिकारी : विधानसभा समितियों की बैठक में अधिकारियों को भी बुलाया जाता है. लेकिन गुरुवार को हुई बैठक में किसी अधिकारी को नहीं बुलाया गया. कमेटियों कीसमीक्षात्मक बैठक के नाम पर केवल विधायकों को बुलाया गया. कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि बैठक में अधिकारियों को इसलिए नहीं बुलाया गया कि कोई विशेष एजेंडा नहीं था. केवल समीक्षा होनी थी.

बिना सुझाव दिये निकल गये कई विधायक

खाद्य आपूर्ति विभाग की संगोष्ठी में विधायकों को सुझाव भी देना था. लेकिन कई विधायक बिना सुझाव दिये ही चले गये. विधायक अमित महतो, विकास मुंडा, नवीन जायसवाल, कमल किशोर भगत, इरफान अंसारी, गंगोत्री कुजूर सहित कई विधायकों की ओर से कोई सुझाव नहीं आया. कार्यक्रम खत्म होने से पहले ही कई विधायक निकल गये.

मेरी भावना गलत नहीं थी : स्पीकर

सभी विधानसभा समितियों की बैठक एक ही दिन बुलाये जाने के बाबत स्पीकर दिनेश उरांव ने कहा : मेरी भावना गलत नहीं थी. कोशिश थी कि पहली पाली में समिति की बैठक हो जाये और दूसरी पाली में विधायक संगोष्ठी में शामिल हो जायें. खाद्य सुरक्षा पर राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम चलना है. इसमें विधायकों की भागीदारी होनी चाहिए. मेरे सहयोग से कार्यक्रम में विधायक शामिल हो जायें, तो अच्छी बात है.

सबको मिल जुल कर काम करना है. यह जिम्मेवारी केवल विभाग की नहीं है. लोकतंत्र में सबको मिल कर काम करना ही होगा. जनहित का कार्यक्रम था. हम कोई सरकार के विजन को आगे बढ़ाने का काम नहीं कर रहे थे. यह पूछने पर कि संगोष्ठी के लिए विधायकों को टीए की व्यवस्था हो गयी, स्पीकर ने कहा कि इसे इस रूप में लेने की जरूरत नहीं है.

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