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235 सब-इंस्पेक्टरों के तबादले का विरोध
रांची : पुलिस मुख्यालय की ओर से 235 सब-इंस्पेक्टरों के तबादले का विरोध शुरू हो गया है. इसे लेकर झारखंड पुलिस एसोसिएशन केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार की देर शाम महामंत्री कमल किशोर की अध्यक्षता में हुई. बैठक में स्थानांतरण पर चर्चा हुई. वहीं सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि स्थानांतरण पुलिस […]
रांची : पुलिस मुख्यालय की ओर से 235 सब-इंस्पेक्टरों के तबादले का विरोध शुरू हो गया है. इसे लेकर झारखंड पुलिस एसोसिएशन केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार की देर शाम महामंत्री कमल किशोर की अध्यक्षता में हुई.
बैठक में स्थानांतरण पर चर्चा हुई. वहीं सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित कर कहा गया कि स्थानांतरण पुलिस मैनुअल एवं पुलिस आदेश संख्या 1/2000 की नीतियों के अनुरूप नहीं है. कमल किशोर ने बताया कि दारोगा रैंक के जिन पुलिस पदाधिकारियों का स्थानांतरण हुआ है, उनमें से अधिकांश लोगों की जिला अवधि पूरी नहीं हुई है. वहीं वैसे पुलिस पदाधिकारियों का भी स्थानांतरण किया गया है, जिनकी सेवा एक वर्ष से भी कम बची है.
महामंत्री के अनुसार जून माह में स्थानांतरण के कारण पुलिस पदाधिकारियों के बच्चों की शिक्षा भी बाधित होगी. ऐसी स्थिति में पुलिस मुख्यालय स्थानांतरण आदेश की समीक्षा करे और सरकार मामले में हस्तक्षेप करे.
जिन पुलिस पदाधिकारियों का नियम के विरुद्ध स्थानांतरण हुआ है, यदि उनका स्थानांतरण आदेश रद्द नहीं हुआ, तो एसोसिएशन के सदस्य क्या करेंगे, कमल किशोर ने कहा कि इस स्थिति में पुलिस मुख्यालय के आदेश के खिलाफ एसोसिएशन के सदस्य न्यायालय में याचिका दायर करेंगे. न्यायालय का जो भी निर्णय होगा. उसे एसोसिएशन के सदस्य स्वीकार करेंगे.
बैठक में एसोसिएशन के एसएन मंडल, अक्षय कुमार राम उपस्थित थे. एसोसिएशन की बैठक में कई थानेदार और सब इंस्पेक्टर भी पहुंचे थे. उन्होंने महामंत्री को बताया कि वे मामले में एसएसपी और एसपी के पास आपत्ति दर्ज कर चुके हैं. कुछ लोगों ने बताया कि वे अपनी आपत्ति के बारे डीजीपी को भी जानकारी दे चुके हैं. यह भी बताया गया एसपी की ओर से आश्वासन मिला है कि हम आपके साथ हैं. आप अपनी उचित मांगों को लेकर आगे बढ़ सकते हैं.
हत्या के मामले में जेल गये थे मदन खरवार
रांची. दारोगा मदन खरवार की धनबाद जिला में दोबारा पोस्टिंग किये जाने के मामले में पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता के तर्क पर सवाल उठने लगे हैं. मुख्यालय के प्रवक्ता ने गत शनिवार को कहा था कि दारोगा मदन खरवार पुलिस हिरासत में हुई एक मौत के मामले में जेल गये थे. अपने केस के लिए उन्हें धनबाद में रहने की आवश्यकता है, इसलिए उन्हें धनबाद भेजा गया है.
पर ऐसा नहीं है. सच तो यह है कि दारोगा मदन खरवार को सीबीआइ ने धनबाद में चर्चित प्रमोद सिंह हत्याकांड में गिरफ्तार किया था. दारोगा मदन खरवार ने प्रमोद सिंह हत्याकांड में जिन लोगों को गवाह बनाया था. वही लोग सीबीआइ जांच में हत्याकांड में अभियुक्त के रूप में सामने आये. इस मामले में तत्कालीन एसपी की भूमि पर भी सवाल उठे थे. हत्याकांड में पुलिस ने सिंह मेंशन के लोगों को फंसाया था. इसी मामले में सीबीआइ ने दारोगा मदन खरवार को गिरफ्तार किया था.
सब इंस्पेक्टर रैंक के जिन पुलिस पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है, उनकी पुस्तिका देखकर ही स्थानांतरण किया गया है. इसके बावजूद जिन पुलिस पदाधिकारियों को शिकायत है, वे अपना आवेदन पुलिस मुख्यालय में दे सकते हैं. उनके आवेदन पर पुलिस स्थापना परिषद की बैठक में विचार किया जायेगा. किसी के साथ कोई अन्याय नहीं हुआ है.
डीके पांडेय, डीजीपी
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