नहीं हो पा रहा है काम, नये सिरे से निकाले गये टेंडर में भी नहीं ले रहा कोई भागप्रमुख संवाददातारांची. उग्रवाद प्रभावित चार जिलों सिमडेगा, चाईबासा, लोहरदगा, खूंटी में पुलों का काम नहीं हो पा रहा है. यहां सात वर्षों से पुल योजनाएं लटकी हुई हैं. काम नहीं होने की वजह से नये सिरे से टेंडर निकाला गया, फिर भी कोई ठेकेदार भाग नहीं ले रहे हैं. कुल मिला कर यहां पुल का काम कराना संभव नहीं रह गया है. ऐसे में इन पुलों के निर्माण का विचार अब सरकार छोड़ने की स्थिति में है.इन जिलों में मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना से पुलों का निर्माण हो रहा था. सारे पुलों पर वर्ष 2007-08 में काम शुरू कराया गया था. तब इन प्रमंडलों में करीब 30 से अधिक पुलों पर काम शुरू हुआ था, लेकिन 15 पुलों का काम लटका रह गया. इसके लिए विभाग ने ठेकेदारों पर काफी दबाव डाला. इसके बाद भी ठेकेदारों ने काम नहीं किया. बाद में ठेकेदारों ने काम नहीं करने का कारण उग्रवाद बताया. इसके बाद विभाग ने इनमें से कुछ योजनाओं का एग्रीमेंट रद्द कर नये ठेकेदारों से काम कराने का फैसला लिया. इसके तहत नये सिरे से डीपीआर बनवाया और टेंडर निकाला गया, पर टेंडर में कोई भी भाग नहीं लिया. कई बार टेंडर के बाद भी ठेकेदार नहीं आये.
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सात वर्षों से लटकी है पुल निर्माण की योजना
नहीं हो पा रहा है काम, नये सिरे से निकाले गये टेंडर में भी नहीं ले रहा कोई भागप्रमुख संवाददातारांची. उग्रवाद प्रभावित चार जिलों सिमडेगा, चाईबासा, लोहरदगा, खूंटी में पुलों का काम नहीं हो पा रहा है. यहां सात वर्षों से पुल योजनाएं लटकी हुई हैं. काम नहीं होने की वजह से नये सिरे से […]
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