– गैर आदिवासी पिता की ओर से बेटी को एसटी का जाति प्रमाण पत्र दिलाने का मामलासंवाददाता, रांची संत मिखाइल नेत्रहीन विद्यालय के छात्रावास अधीक्षक राजकुमार नागवंशी ने कहा है कि उनकी बेटी ने अनुसूचित जनजाति का लाभ नहीं लिया है़ रमेशभाई दभाई नाइका को एसटी दर्जा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आफताब आलम व न्यायमूर्ति रंजना देसाई की बेंच की व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों को अपनी मां की जाति से जाना जा सकता है़ अपने निर्णय में जज ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के तीन पुराने फैसलों के आधार पर यह नियम स्थापित कर लेना कि अंतरजातीय विवाह या आदिवासी और गैर आदिवासी के बीच विवाह के मामले में हमेशा बच्चे को उसके पिता की ही जाति का माना जाना चाहिए, गलत और दोषपूर्ण है़राजकुमार नागवंशी ने कहा कि उन पर यह आरोप कर्नल एसपी कच्छप (सेनि) और वे लोग लगा रहे हैं, जिन्हें डायसिस कोर्ट ने 12 साल के लिए निष्कासित किया है़ उनकी पहल पर कार्रवाई हुई थी, इसलिए अब उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है़ वे उपायुक्त से मिल कर अपनी बातें रखेंगे़ आरोप लगाने वालों की मंशा की जांच की मांग भी करेंगे़ उन्होंने कहा कि चर्च में बपतिस्मा के समय नाम बदला जाता है.
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डायसिस कोर्ट में दोषी साबित लोग कर रहे दोषारोपण
– गैर आदिवासी पिता की ओर से बेटी को एसटी का जाति प्रमाण पत्र दिलाने का मामलासंवाददाता, रांची संत मिखाइल नेत्रहीन विद्यालय के छात्रावास अधीक्षक राजकुमार नागवंशी ने कहा है कि उनकी बेटी ने अनुसूचित जनजाति का लाभ नहीं लिया है़ रमेशभाई दभाई नाइका को एसटी दर्जा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आफताब […]
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