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खुले में शौच की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं

ग्लोबल सैनिटेशन फंड के आनंद शेखर ने कहा, झारखंड में रांची : राज्य में चल रहे स्वच्छ भारत अभियान को लेकर ग्लोबल सैनिटेशन फंड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. संस्था के कार्यकलापों को लेकर तीन दिनी कार्यशाला सह विमर्श कार्यक्रम के आखिरी दिन झारखंड के आठ जिलों में 2015 में 20 लाख डॉलर खर्च करने […]

ग्लोबल सैनिटेशन फंड के आनंद शेखर ने कहा, झारखंड में
रांची : राज्य में चल रहे स्वच्छ भारत अभियान को लेकर ग्लोबल सैनिटेशन फंड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. संस्था के कार्यकलापों को लेकर तीन दिनी कार्यशाला सह विमर्श कार्यक्रम के आखिरी दिन झारखंड के आठ जिलों में 2015 में 20 लाख डॉलर खर्च करने की रूपरेखा तय की गयी.
संस्था के कंट्री हेड आनंद शेखर ने प्रभात खबर संवाददाता को बताया कि झारखंड में खुले में शौच करने की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है. अब भी देश भर में झारखंड की रैंकिंग निचले स्तर पर ही बनी हुई है. उन्होंने कहा कि खुले में शौच करने की आदत में बदलाव के लिए व्यावहारिक बदलाव करना जरूरी है. स्वयंसेवी संस्थानों को अधिक से अधिक लोगों की मानसिक स्थिति बदलने और जागरूकता अभियान चलाने जैसे कार्यो में लगने की जरूरत है. राज्य सरकार को केंद्रीय सहयोग का अधिक से अधिक हिस्सा लेने की कोशिश करनी चाहिए.
श्री शेखर के अनुसार राज्य के पाकुड़, सिमडेगा, लोहरदगा, कोडरमा, सरायकेला, देवघर आठ जिलों के 41 प्रखंडों में जीएसएफ काम कर रही है. अगले पांच वर्षो में 7993 गांवों को निर्मल ग्राम बनाने में संस्था काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण को लेकर 12 हजार रुपये अनुदान देने की अधिसूचना जारी कर दी है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रलय की ओर से अक्तूबर 2014 में यह अधिसूचना जारी की गयी है. इसका लाभ सिर्फ पुडुचेरी और अन्य राज्य ले रहे हैं.
झारखंड समेत अन्य राज्यों के अधिकारियों को अब तक इसकी जानकारी ही नहीं है. उन्होंने कहा कि 2015-16 में झारखंड के 90 से अधिक गांवों को खुले में शौच से मुक्त ग्राम बनाया जायेगा. इसके लिए यूनिसेफ, जीएसएफ और एक अन्य एजेंसी का चयन किया गया है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वच्छ भारत अभियान के लिए केंद्रीय समिति बनायी है. उसमें मुङो भी शामिल किया गया है. भाजपा नेता विनय सहस्रबुद्धे भी इस समिति के सदस्य हैं. इस समिति की ओर से देश के 1.50 लाख से अधिक गांवों को अगले पांच वर्षो में ओपेन डीफीकेशन फ्री करने का निर्णय लिया गया है.
आइडीएफसी को दिया डीपीआर का काम : इधर सरकार ने इंफ्रास्ट्रर डेवपलमेंट फाइनांस कॉरपोरेशन (आइडीएफसी) को ट्रांजेक्शन मैनेजर के रूप में नियुक्त किया है. यानी कंसल्टेंट के रूप में यह कंपनी सड़कों के लिए डीपीआर तैयार करेगी.
रांची-जमशेदपुर-धनबाद एक्सप्रेस-वे का डीपीआर बनाने के लिए 11.25 करोड़ रुपये कंपनी को दिया गया है. वहीं, रांची-बोकारो एक्सप्रेस-वे के लिए 7.5 करोड़ रुपये दिया जायेगा. इस तरह दोनों एक्सप्रेस-वे के लिए 18.75 करोड़ रुपये राज्य सरकार दे रही है.

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