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सुजाता चौक से बूटी मोड़ तक, चौड़ी करें सड़क : हाइकोर्ट
रांची : हाइकोर्ट में बुधवार को रांची शहर में बढ़ते वाहन प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को राजधानी की ट्रैफिक लाइट सिस्टम को दुरुस्त करने, मुख्य सड़कों के दोनों किनारे फुटपाथ बनाने और […]
रांची : हाइकोर्ट में बुधवार को रांची शहर में बढ़ते वाहन प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को राजधानी की ट्रैफिक लाइट सिस्टम को दुरुस्त करने, मुख्य सड़कों के दोनों किनारे फुटपाथ बनाने और कांटाटोली चौक से कोकर चौक तक की सड़क के चौड़ीकरण का निर्देश दिया.
ट्रैफिक सुधार की दिशा में काम करने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार को कई सुझाव भी दिया. कहा की कोई भी समस्या आती है, तो उसे कोर्ट के समक्ष रखें. कोई भी कार्य हो, वह पुख्ता होना चाहिए, क्वालिटी से समझौता नहीं किया जाना चाहिए.
खंडपीठ ने कहा कि दिल्ली व चंडीगढ़ के ट्रैफिक व्यवस्था का अध्ययन कर उसकी तर्ज पर रांची का ट्रैफिक लाइट सिस्टम (ऑटो टाइमर के साथ) दुरुस्त किया जाना चाहिए. सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक सिगनल चालू रखा जाये. मुख्य सड़कों के दोनों तरफ एक से डेढ़ फिट ऊंचा फुटपाथ का निर्माण कराया जाना चाहिए, ताकि लोग बिना डर-भय के पैदल चल सके.
जम्मू के रघुनाथपुर बाजार की तर्ज पर मेन रोड के दोनों तरफ पार्किग की व्यवस्था की जाये. इसके बाद मेन रोड में बड़ी गाड़ियों के प्रवेश को रोक देना चाहिए, ताकि लोग आराम से चल सकें. दोपहिया वाहन चलानेवाले, विशेष कर युवाओं को हेलमेट पहनने के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है. हेलमेट नहीं पहनने के कारण दुर्घटना में जान चली जाती है. हेलमेंट हो, तो जान बच सकती है.
इसके लिए सरकार को जागरूकता कार्यक्रम चलाने में स्कूली बच्चों की सहायता लेनी चाहिए. खंडपीठ ने रांची की सड़कों के चौड़ीकरण करने की सलाह दी. सुजाता चौक से लेकर बूटी मोड़ के आगे तक की सड़क का चौड़ीकरण किया जाना चाहिए. सरकार को इस पर तत्काल निर्णय लेना चाहिए.
खंडपीठ ने शहर में जहां-तहां ऑटो रोकर सवारी उतारने या चढ़ाने पर नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. जगह-जगह स्टैंड बनाये जायें. स्टैंड से ही ऑटो का परिचालन हो. जहां-तहांऑटो नहीं रोका जाये. खंडपीठ ने फंड की कमी पर कहा कि जो पहले से फंड मिला है, उसका पूरा उपयोग किया जाना चाहिए.
फंड कम पड़ेगा, तो कोर्ट उचित आदेश पारित करेगा. मामले की अगली सुनवाई 22 जून को होगी. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखते हुए कहा कि ट्रैफिक पुलिस के पास संसाधनों की कमी है. उसे जिला पुलिस, प्रशासन व नगर निगम से सहायता मांगनी पड़ती है. गौरतलब है कि प्रार्थी रजनीश मिश्र, हरेन्द्र प्रसाद सिंह व अन्य की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है.
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