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ज्वाइनिंग के बाद से नहीं मिला प्रमोशन

अफसरों ने 1988 में दिया था योगदान मनोज सिंह रांची : राज्य कृषि सेवा के अधिकारियों को योगदान के बाद से ही प्रोन्नति नहीं मिला है. संयुक्त बिहार के समय ही अधिकारियों की अंतिम बहाली हुई थी. इसके बाद कृषि विभाग में अधिकारियों की बहाली नहीं हुई है. 1988 के बाद 1990 में कुछ अधिकारियों […]

अफसरों ने 1988 में दिया था योगदान
मनोज सिंह
रांची : राज्य कृषि सेवा के अधिकारियों को योगदान के बाद से ही प्रोन्नति नहीं मिला है. संयुक्त बिहार के समय ही अधिकारियों की अंतिम बहाली हुई थी. इसके बाद कृषि विभाग में अधिकारियों की बहाली नहीं हुई है.
1988 के बाद 1990 में कुछ अधिकारियों की बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से बहाली की गयी थी. योगदान देने के बाद से ही अधिकारी अब तक मूल पद पर काम कर रहे हैं. इसका नुकसान भी अधिकारियों को हो रहा है.
अधिकारियों को नियमित प्रोन्नति नहीं मिलने से तबादला के समय कभी ऊंचे तो कभी नीचे पदों पर बैठा दिया जाता है.
दागी अफसर नहीं चाहते प्रोन्नति: विभाग के कुछ अधिकारियों का कहना है कि दागी अधिकारी नहीं चाहते हैं कि प्रोन्नति हो. दागी अधिकारी ऊंचे पदों पर बैठे हुए हैं. सरकार में प्रभावी रहे हैं.
कई अधिकारियों पर निगरानी का मामला चल रहा है. कुछ की गोपनीय चारित्रिक प्रमाण भी ठीक नहीं है. प्रोन्नति हो जाने से ऐसे अधिकारियों को इसका लाभ नहीं मिल पायेगा. उनको अपने जूनियर अधिकारियों के साथ काम करना पड़ सकता है.रिक्त हैं 200 से अधिक पद: राज्य में प्रखंड कृषि पदाधिकारियों के 200 से अधिक पद रिक्त हैं.
राज्य में कुल 272 प्रखंड में मात्र करीब 50 में ही प्रखंड कृषि पदाधिकारी हैं. कई प्रखंडों में दो-दो प्रखंड कृषि पदाधिकारी का भी पद है. अधिकारियों का कहना है कि मैन पावर कम होने के कारण सरकारी योजनाओं पर बुरा असर पड़ रहा है.
केस लड़ कर ली थी प्रोन्नति
राज्य में कृषि सेवा के दो अधिकारियों निस्तार मिंज व गोकुल मेहरा ने अदालत जाकर प्रोन्नति ली थी. प्रोन्नति के बाद दोनों अधिकारी कृषि सेवा के सर्वोच्च पद तक गये थे. दोनों अधिकारी कृषि निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे.
वर्तमान निदेशक भी रहे हैं भुक्त भोगी
कृषि सेवा के अधिकारियों को प्रोन्नति नहीं मिलने के भुक्त भोगी वर्तमान कृषि निदेशक जटा शंकर चौधरी भी रहे हैं. इनको भी पूरे कार्यकाल के दौरान एक भी प्रोन्नति नहीं मिली थी.
वह भी 1988 बैच के अधिकारी थे. इंटरव्यू के माध्यम से श्री चौधरी का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा के पद पर हुआ.क्लास-टू अफसरों को प्रोन्नति देने की प्रक्रिया चल रही है. पद चिह्न्तिकरण हो रहा है. रोस्टर क्लीयरेंस का काम भी हो रहा है. प्रोन्नति देने से अधिकारियों का मनोबल भी बढ़ता है. अधीनस्थ सेवा के अधिकारियों को प्रोन्नति देने के काम में तेजी है. बहुत जल्द ही नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजा जायेगा. प्रोन्नति वाले पदों पर प्रोन्नति दी जायेगी.
जटाशंकर चौधरी, कृषि निदेशक

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