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भरी गरमी में रात जाग कर गुजार रहे हैं झारखंडवासी रांची में बिजली नहीं सुधरी, लोग बेहाल

रांची: राजधानी रांची सहित राज्य भर में बिजली की स्थिति बदतर हो गयी है. कुछ जिलों को छोड़ दें, तो राज्य के अधिकतर इलाकों में औसतन 12 से 15 घंटे ही बिजली मिल रही है. राजधानी रांची के कई इलाकों में तो औसतन 10 से 12 घंटे ही बिजली रह रही है. संताल परगना के […]

रांची: राजधानी रांची सहित राज्य भर में बिजली की स्थिति बदतर हो गयी है. कुछ जिलों को छोड़ दें, तो राज्य के अधिकतर इलाकों में औसतन 12 से 15 घंटे ही बिजली मिल रही है. राजधानी रांची के कई इलाकों में तो औसतन 10 से 12 घंटे ही बिजली रह रही है. संताल परगना के साहेबगंज, पाकुड़, दुमका और गोड्डा में सबसे खराब स्थिति है. इन जिलों में आवश्यकता की आधी से भी कम बिजली की सप्लाइ की जा रही है.

गिरिडीह जिले का हाल भी खराब है. लोहरदगा और गढ़वा में भी औसतन आठ से 10 घंटे ही बिजली मिल रही है. सबसे अधिक बुरी स्थिति ग्रामीण इलाकों की है. शहरी इलाकों में तो लोड शेडिंग कर उपभोक्ताओं को जैसे-तैसे बिजली दे भी दी जा रही है, पर ग्रामीण इलाकों में मात्र चार से छह घंटे ही बिजली की सप्लाइ की जा रही है. बिजली नहीं रहने से गरमी में लोगों का हाल बुरा है. कई उद्योग बंद : बिजली नहीं रहने से उद्योगों पर भी असर पड़ रहा है. कई जिलों में बिजली आधारित उद्योग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.

बिजली सप्लाइ बहाल रखने के लिए लोगों को जेनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है. इससे राज्य में प्रतिदिन 2.35 लाख लीटर डीजल की अतिरिक्त खपत बढ़ गयी है. लोगों पर 1.29 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है. बिजली की समस्या के कारण रांची के तुपुदाना स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में कई उद्योग बंद हो गये हैं.
पानी भी नहीं मिल रहा : बिजली की कमी के कारण पानी की समस्या भी उत्पन्न हो गयी है. लाइट नहीं रहने से घरों में मोटर नहीं चल पा रहा है. पानी की सप्लाइ भी कम हो गयी है. वहीं, दूसरी ओर गरमी के कारण बड़े इलाकों में हैंडपंप और जल स्नेत के अन्य साधन पहले ही जवाब दे चुके हैं. इससे लोगों के सामने पीने के पानी तक की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
रांची में 17 दिनों से है यह स्थिति
राजधानी रांची व आसपास के इलाके में 17 दिनों से यह स्थिति बनी हुई है. इसका कारण हटिया ग्रिड के दो 50 एमवीएम ट्रांसफारमर का जल जाना बताया जा रहा है. बिजली कंपनी के सीएमडी से लेकर एमडी तक इसे शीघ्र दुरुस्त करने का दावा कर रहे हैं. पर स्थिति नहीं सुधरी. हालांकि नये ट्रांसफारमर लग चुके हैं, पर अभी एक ही पर लोड दिया गया है.
बढ़ी डीजल की खपत
राज्य में प्रतिदिन 2.35 लाख लीटर डीजल की अतिरिक्त खपत हो रही है
इससे लोगों पर 1.29 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है.
छोटे उद्योगों पर सबसे अधिक असर
रांची के तुपुदाना इंडस्ट्रियल एरिया में कई उद्योग बंद
चुप नहीं बैठेगा चेंबर
चेंबर के महासचिव पवन शर्मा ने बताया कि बिजली विभाग के अधिकारियों ने 12 मई तक स्थिति में सुधार का लिखित आश्वासन दिया है. तुपुदाना में स्थिति में सुधार के लिए 15 दिनों का समय मांगा है. स्थिति में सुधार नहीं आता, तो चेंबर चुप नहीं बैठेगा.

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