रांची . पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के संविदा आधारित चयनित प्रखंड समन्वयकों ने अपनी सेवा सरकार में समायोजित करने की मांग की है. उनका कहना है कि वर्ष 2004 में संपूर्ण स्वच्छता अभियान में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन व समिति ने संविदा के आधार पर प्रखंड समन्वयक की बहाली की थी. 2012 में इस कार्यक्रम को निर्मल भारत अभियान नाम दिया गया. उसमें काम करने के बाद प्रखंड समन्वयकों को झारखंड सरकार ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से दो वर्षों काम पर लगा दिया. अब एक बार फिर से स्वच्छ भारत मिशन की नयी मार्गदर्शिका लागू की जा रही है. डीपीएमयू एवं बीपीएमयू का गठन पर प्रखंड स्वच्छता पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक एवं स्कूल समन्वयक का पद सृजित किया गया है. प्रखंड समन्वयकों ने कहा कि वह वर्षों से विभाग को अपनी सेवा देते आ रहे हैं. प्रखंड समन्वयक एवं स्कूल समन्वयक के कारण संशय की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इस मौके पर वर्षों से काम कर रहे लोगों का विभाग में समायोजन नहीं किया गया, तो उनकी स्थिति दयनीय हो जायेगी. प्रखंड समन्वयकों ने इस मुद्दे पर मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी समेत विभाग के सभी वरीय पदाधिकारियों से मुलाकात की थी. लेकिन, अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. प्रखंड समन्वयक मो कौसर आजाद, शैलेश कुमार, अखिल कुमार और विनायक सत्य ने कहा कि जल्द फैसला नहीं लेने पर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन किया जायेगा.
पेयजल एवं स्वच्छता के प्रखंड समन्वयकों ने की सेवा समायोजन की मांग
रांची . पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के संविदा आधारित चयनित प्रखंड समन्वयकों ने अपनी सेवा सरकार में समायोजित करने की मांग की है. उनका कहना है कि वर्ष 2004 में संपूर्ण स्वच्छता अभियान में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन व समिति ने संविदा के आधार पर प्रखंड समन्वयक की बहाली की थी. 2012 में इस […]
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