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400 करोड़ का बोझ पड़ेगा झारखंड पर

फ्लैग – पंचायती राज की केंद्रीय योजनाएं बंद होने से-सारे जिलों में लटक गयी हैं योजनाएंप्रमुख संवाददाता, रांची पंचायती राज विभाग से संबंधित केंद्रीय योजनाओं के बंद हो जाने से झारखंड पर करीब 400 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने वाला है. केंद्र ने बीआरजीएफ (बैंकवर्ड रिजन ग्रांट फंड ) व एसीए (एडिशनल सेंट्रल असिस्टेंस) को […]

फ्लैग – पंचायती राज की केंद्रीय योजनाएं बंद होने से-सारे जिलों में लटक गयी हैं योजनाएंप्रमुख संवाददाता, रांची पंचायती राज विभाग से संबंधित केंद्रीय योजनाओं के बंद हो जाने से झारखंड पर करीब 400 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने वाला है. केंद्र ने बीआरजीएफ (बैंकवर्ड रिजन ग्रांट फंड ) व एसीए (एडिशनल सेंट्रल असिस्टेंस) को बंद कर दिया है. इसके तहत मिलने वाली राशि से झारखंड वंचित रह गया है. ऐसे में चालू योजनाओं पर संकट आ गया है. राज्य सरकार को खुद की राशि से इन चालू योजनाओं को पूरा कराना होगा. इसमें करीब 400 करोड़ रुपये झारखंड को लगाने पड़ेंगे.पंचायत भवनों का काम भी लटकाराज्य में पंचायत भवनों का काम बीआरजीएफ की राशि से हो रहा था. 400 से ज्यादा पंचायत भवनों के लिए अब राशि की कमी हो जायेगी. ऐसे में राज्य सरकार को खुद अपने स्तर से इसे पूरा कराना होगा. वहीं इन योजनाओं से जुड़े सड़क निर्माण, पुलिया निर्माण, तालाब निर्माण, गार्डवाल सहित अन्य योजनाओं का काम भी कराया जा रहा था. ये योजनाएं अधूरी रह गयी है. ऐसे में अब इन योजनाओं की जिम्मेवारी राज्य सरकार के ऊपर आ गयी है. सारे जिलों से मांगा गया आंकड़ाविकास आयुक्त की अध्यक्षता में इस मामले को लेकर हुई बैठक में सारे जिलों से आंकड़ा मंगाने का फैसला लिया गया है. सारे जिलों के उपायुक्त व उप विकास आयुक्त से कहा है कि वे अधूरी योजनाओं की सूची दें. इसका विस्तृत ब्योरा मांगा गया है कि फिलहाल योजनाएं किस स्थिति में है. उसे पूरा करने में और कितनी राशि की जरूरत होगी.

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