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अमर्यादित था हजारीबाग डीसी का व्यवहार

मामला हजारीबाग में एनटीपीसी के अधिकारी के साथ र्दुव्‍यवहार व मारपीट का गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सरकार को सौंपी जांच रिपोर्ट विवेक चंद्र रांची : हजारीबाग के पूर्व उपायुक्त सुनील कुमार को एनटीपीसी के अधिकारी राकेश नंद सहाय के साथ अभद्र और अमर्यादित व्यवहार करने का दोषी पाया गया है. गृह विभाग […]

मामला हजारीबाग में एनटीपीसी के अधिकारी के साथ र्दुव्‍यवहार व मारपीट का
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सरकार को सौंपी जांच रिपोर्ट
विवेक चंद्र
रांची : हजारीबाग के पूर्व उपायुक्त सुनील कुमार को एनटीपीसी के अधिकारी राकेश नंद सहाय के साथ अभद्र और अमर्यादित व्यवहार करने का दोषी पाया गया है. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एनएन पांडेय की जांच रिपोर्ट पर कार्मिक व प्रशासनिक सुधार विभाग ने सुनील कुमार से पूछा है कि क्यों न आप पर विभागीय कार्रवाई की जाये. वर्तमान में झारखंड विद्युत संरचना निगम में एमडी के रूप में पदस्थापित सुनील कुमार प्रशिक्षण पर गये हैं.
उन्हें ई-मेल भेज कर 15 दिनों में जवाब देने को कहा गया है. मामले में राज्य सरकार की ओर से जांच अधिकारी बनाये गये गृह सचिव एनएन पांडेय ने कहा है कि किसी प्रशासनिक अधिकारी से इस तरह के व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जा सकती है. उन्होंने सुनील कुमार को भविष्य में ऐसा व्यवहार नहीं करने की हिदायत भी दी है.
मुख्यमंत्री ने दिया था जांच का आदेश : फरवरी में हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त सुनील कुमार पर हजारीबाग स्थित एनटीपीसी के प्रोजेक्ट डीजीएम राकेश नंद सहाय को घर पर बुला कर पीटने के आरोप लगाये गये थे.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मामले की जांच गृह सचिव एनएन पांडेय को सौंपी थी. घटना के कारण मुख्यमंत्री ने सुनील कुमार का तबादला करने का निर्देश भी दिया था. घटना के बाद एनटीपीसी ने अधिकारियों ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मुलाकात कर मामले की जांच कराने और दोषी पर कार्यवाही करने का आग्रह किया था.
क्या है मामला
कार्मिक ने पूछा : क्यों न विभागीय कार्रवाई की जाये
एनटीपीसी के अधिकारी राकेश नंद सहाय के मुताबिक, वह हजारीबाग उपायुक्त के आवास से घायल होकर निकले थे. उनके पैर से खून निकल रहा था. उन्होंने हजारीबाग के सदर अस्पताल में प्राथमिक इलाज कराया.
बाद में रांची के मेडिका अस्पताल में इलाज कराया. उनका कहना है कि एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक की जानकारी में उपायुक्त के बुलावे पर एनटीपीसी और जिला प्रशासन से संबंधी मामलों को सुलझाने के लिए बनायी गयी जिला एक्शन कमेटी का सदस्य होने के नाते उनसे मिलने गया था. उपायुक्त ने अपने कक्ष में पुलिसकर्मी को बुला कर धमकाया. गाली-गलौज की. मुङो मुरगा बनने को कहने लगे. पुलिसकर्मियों को जबरदस्ती करने कहा. बाद में रॉड लेकर खुद पीटा.
‘‘गृह सचिव की रिपोर्ट दबाव में तैयार की गयी है. उन्होंने एडीएम स्तर के अधिकारियों से करायी गयी जांच रिपोर्ट देखने तक की जरूरत नहीं समझी. मौके पर मौजूद लोगों से कोई बात नहीं की.
तथाकथित पीड़ित की तसवीरों पर ध्यान नहीं दिया गया. केवल टेबुल पर बैठ कर रिपोर्ट तैयार की गयी है. साजिश के तहत मुङो दोषी करार दिया जा रहा है. मैं अभी मसूरी में हूं. लौटते ही अपने पक्ष और वास्तविकता से राज्य सरकार को अवगत कराऊंगा.
सुनील कुमार, एमडी, झारखंड विद्युत संरचना निगम
‘‘गृह सचिव की रिपोर्ट में हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त सुनील कुमार को आंशिक रूप से दोषी पाया गया है. उन्होंने कहा है कि इस तरह के व्यवहार की अपेक्षा किसी जन सेवक से नहीं की जा सकती है. सुनील कुमार से स्पष्टीकरण पूछा गया है. उनका जवाब मिलने पर आगे की कार्यवाही की जायेगी.
संतोष सतपथी, कार्मिक सचिव

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