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डोपिंग से खिलाड़ियों को नुकसान
क्षमता वर्धन के लिए प्रतिबंधित दवाओं का सेवन खतरनाक, कुलपति ने कहा नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी व रांची विवि के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन रांची : रांची विवि के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि आजकल खिलाड़ी जाने-अनजाने में ऐसी दवाओं का सेवन करते हैं, जिससे उनका नुकसान ही होता है. […]
क्षमता वर्धन के लिए प्रतिबंधित दवाओं का सेवन खतरनाक, कुलपति ने कहा
नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी व रांची विवि के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन
रांची : रांची विवि के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि आजकल खिलाड़ी जाने-अनजाने में ऐसी दवाओं का सेवन करते हैं, जिससे उनका नुकसान ही होता है. इन दवाओं से उनकी शारीरिक क्षमता का विकास होने के बजाय ह्रास होता है.
कुलपति गुरुवार को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी नयी दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे.
इसका मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों एवं कोच में डोपिंग के प्रति जागरूकता पैदा करना है. इस कार्यक्रम का आयोजन रांची विवि अंतर्गत इंस्टीटय़ूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में किया गया था. कुलपति ने कहा कि डोपिंग के लिए सिर्फ खिलाड़ी ही दोषी नहीं हैं, बल्कि उसके कोच/ शिक्षक/ परिवार की भी गलती हो सकती है. इसके प्रति युवाओं में जागरूकता लाना जरूरी है.
युवा खिलाड़ियों को चाहिए कि वे जम कर मेहनत करें एवं मैदान पर जीत हासिल करें. यह खुशी की बात है कि देश के 18 विवि में से रांची विवि को इस कार्यशाला के आयोजन के लिए चयनित किया गया.
इससे पूर्व आगंतुकों का स्वागत डीएसडब्ल्यू डॉ सतीश चंद्र गुप्ता ने किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ बीके सिन्हा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ एके चौधरी ने किया.
इस अवसर पर एकेडमिक स्टाफ कॉलेज के निदेशक डॉ एके चौधरी, आइएमएस निदेशक एसके सिंह, डॉ विकास, डॉ अंकुश गुप्ता, डॉ मुकुंद मेहता, डॉ आनंद ठाकुर, डॉ शर्मिला रानी, डॉ ज्योति प्रकाश, शेखर बोस, मो जसीम खान, विनोद, श्रीनिवास राव, नसीम खान, मनोज कुमार, कविता, कमला, प्रीति नारायण, किरण बोस, प्रकाश चंद्र मुरमू सहित अन्य कोच व खिलाड़ी उपस्थित थे.
कार्यशाला में तकनीकी सत्र का भी आयोजन किया गया. इसमें नाडा नयी दिल्ली के प्रोजेक्ट ऑफिसर डॉ अंकुश गुप्ता ने एंटी डोपिंग के संबंध में जानकारी दी. नाडा से आये अधिकारियों ने खिलाड़ियों व कोचों द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब दिया. सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिये गये.
शक्तिवर्धक दवाएं सेहत के लिए घातक
प्रतिकुलपति डॉ एम रजिउद्दीन ने कहा कि विवि ने प्रतिबंधित शक्तिवर्धक दवाओं के उपयोग से खिलाड़ियों के शरीर पर गहरा असर पड़ता है. इससे लीवर, किडनी से लेकर दिमाग व प्रजनन क्षमता पर भी घातक असर पड़ता है. सेवन करनेवाले की जान भी जा सकती है.
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