निचली अदालत ने 21 आरोपियों को दी है आजीवन कारावास की सजाघटना के बाद मानसिक संतुलन खो चुकी पीडि़ता की हो गयी है मौतरांची : झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को बोकारो के बहुचर्चित बलात्कार कांड मामले में दायर सजायाफ्ताओं की अपील याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान दर्ज प्राथमिकी व बयान को देखा. सुनवाई जारी रही. मामले की अगली सुनवाई आठ मई को होगी. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से एपीपी शेखर सिन्हा ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि वर्ष 1999 में बोकारो की आइआइटी गोइंग मेधावी छात्रा को उठा कर खुले मैदान में ले जाकर आरोपियों ने बारी-बारी से बलात्कार किया. आरोपियों ने पीडि़ता को नाली का पानी पिलाया. बेरहमी से मारा पीटा गया. पीडि़ता के साथ जघन्य अपराध किया गया, जिससे मानवता भी शर्मसार हुई. निचली अदालत ने 21 आरोपियों को दोषी पा कर आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. इस घटना से बोकारो के सांप्रदायिक सौहार्द पर भी असर पड़ा था. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अब्दुल सतार अंसारी, मोजीब अंसारी, काजी रिजवान, अब्बास अंसारी, हबीब अंसारी व अन्य की ओर से अलग-अलग अपील याचिका दायर कर सजा को चुनौती दी गयी है.
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बोकारो बलात्कार कांड की सुनवाई शुरू, आज भी होगी
निचली अदालत ने 21 आरोपियों को दी है आजीवन कारावास की सजाघटना के बाद मानसिक संतुलन खो चुकी पीडि़ता की हो गयी है मौतरांची : झारखंड हाइकोर्ट में गुरुवार को बोकारो के बहुचर्चित बलात्कार कांड मामले में दायर सजायाफ्ताओं की अपील याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ […]
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