प्रतिनिधिमंडल में व्यापार मंडल के लोग शामिल थे.मेदिनीनगर. रविवार को पलामू प्रमंडल व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी से मुलाकात की. इस दौरान संघ ने मंत्री श्री चंद्रवंशी को एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें महुआ को मादक पदार्थ घोषित करने के निर्णय का विरोध किया गया है. संघ ने कहा है कि पलामू प्रमंडल के गांव, शहर और ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था महुआ पर आधारित है. गांव में बच्चों की शादी, विवाह, पढ़ाई लिखाई सहित अन्य आवश्यक खर्च इसी कमाई पर आधारित है. महुआ राज्य का प्रमुख मौसमी फसल है. जिस पर झारखंड के लगभग 25 लाख परिवार आश्रित है. कहा गया कि पलामू में पहले से ही रोजगार के अभाव में लोगों का पलायन होता है. महुआ पर प्रतिबंध लगाने से पलायन और भी बढ़ जायेगा. सरकार के पदाधिकारियों का यह तर्क कि महुआ से सिर्फ शराब बनाया जाता है, यह पूरी तरह से गलत है. महुआ पशु आहार के साथ-साथ ग्रामीण इलाके के लोगों के खाने के भी काम आता है. शराब बनाने के कार्य में पारंपरिक रूप से गुड़, चावल और जौ के फल के भी काम आता है. किसी भी पदार्थ को मूल स्वरूप से मादक नहीं समझा जाना चाहिए. मंत्री श्री चंद्रवंशी ने भरोसा दिलाया कि वह व्यवसायियों की भावना से सरकार को अवगत करायेंगे. किसानों के हित में फैसले हो, इसका पूरा ख्याल रखा जायेगा. प्रतिनिधिमंडल में श्रवण कुमार, कृष्णा गुप्ता, अजीत कुमार, गणेश प्रसाद, योगेंद्र प्रसाद सहित कई लोग शामिल थे.
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स्वास्थ्य मंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल
प्रतिनिधिमंडल में व्यापार मंडल के लोग शामिल थे.मेदिनीनगर. रविवार को पलामू प्रमंडल व्यापार मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी से मुलाकात की. इस दौरान संघ ने मंत्री श्री चंद्रवंशी को एक मांग पत्र सौंपा, जिसमें महुआ को मादक पदार्थ घोषित करने के निर्णय का विरोध किया गया है. संघ ने कहा […]
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