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झारखंड : कैबिनेट का अहम फैसला, पतरातू थर्मल एनटीपीसी को

राज्य सरकार के साथ ज्वाइंट वेंचर में करेगा काम, बनेगी नयी कंपनी रांची : राज्य सरकार ने नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के साथ ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी दी. शनिवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया. ज्वाइंट वेंचर के तहत बनी नयी कंपनी ही पतरातू […]

राज्य सरकार के साथ ज्वाइंट वेंचर में करेगा काम, बनेगी नयी कंपनी
रांची : राज्य सरकार ने नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के साथ ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी दी. शनिवार को हुई झारखंड कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला लिया गया.
ज्वाइंट वेंचर के तहत बनी नयी कंपनी ही पतरातू थर्मल पावर स्टेशन (पीटीपीएस) का संचालन करेगी. साथ ही 4000 मेगावाट का नया पावर प्लांट लगायेगी. कंपनी में 74} हिस्सेदारी एनटीपीसी की होगी. 26} हिस्सेदारी झारखंड सरकार को मिलेगी. कंपनी का नाम पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड प्रस्तावित है.
85} बिजली झारखंड को: प्रस्ताव के अनुसार, एनटीपीसी का 4000 मेगावाट का पावर प्लांट दो चरणों में लगेगा. पहले चरण में 2400 व दूसरे चरण में 1600 मेगावाट का पावर प्लांट होगा. पहले चरण के पावर प्लांट से 2019 से उत्पादन शुरू होगा. एनटीपीसी 85% बिजली झारखंड को देगा.
टैरिफ का निर्धारण केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग की ओर से किया जायेगा. फेज-वन में एनटीपीसी 16 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा.
सस्ती दर पर मिलेगी बिजली : कैबिनेट की बैठक के बाद ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे ने बताया कि लेवेलाइज्ड टैरिफ 2.73 रुपये किये गया है. जबकि अभी पतरातू में जेनरेशन कॉस्ट (उत्पादन खर्च) 4.56 रुपये प्रति यूनिट का आता है. बोर्ड अन्य कंपनियों से औसतन 3.90 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदता है. ज्वाइंट वेंचर कंपनी से सस्ती दर पर बिजली मिलेगी.
1850 एकड़ में लगेगा नया पावर प्लांट : उन्होंने बताया : एनटीपीसी को पहले फेज के लिए 1230 एकड़ और दूसरे फेज के लिए 620 एकड़ जमीन पतरातू में दी जायेगी. यह सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट होगा. पतरातू में कुल 6200 एकड़ जमीन है. इसमें 2700 एकड़ में डैम है.
1850 एकड़ में नया पावर प्लांट लगेगा. शेष भूमि का अन्य वाणिज्यिक इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा : पीटीपीएस का अधिग्रहण नहीं हो रहा है, बल्कि ज्वाइंट वेंचर कंपनी के तहत इसका संचालन होगा. इस दौरान गृह विभाग के प्रधान सचिव एनएन पांडेय, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अमित खरे भी मौजूद थे.
कर्मचारियों के पास विकल्प चुनने का अवसर
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे ने बताया कि पीटीपीएस के कर्मचारियों के पास विकल्प चुनने का अवसर होगा. वह खुद तय करेंगे कि वे नयी कंपनी में जाना चाहते हैं या ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड में ही रहना चाहते हैं.
पीटीपीएस पर खर्च हो चुके हैं 470 करोड़
श्री रहाटे ने बताया कि पीटीपीएस के जीर्णोद्धार पर 470 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, फिर भी यहां से 110 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है. परिचालन में 2800 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. जबकि पीएलएफ केवल 20 प्रतिशत ही है. उन्होंने कहा कि यह राज्य हित में हुआ है. इससे झारखंड में बिजली की कमी भी दूर हो जायेगी.
कैसी होगी नयी कंपनी
प्रस्तावित पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड में एनटीपीसी की हिस्सेदारी 74 फीसदी होगी. झारखंड सरकार की हिस्सेदारी 26 फीसदी होगी. सरकार कैशलेश इक्विटी स्टेक के साथ ज्वाइंट वेंचर कंपनी में होगी. यानी पूंजी एनटीपीसी लगायेगा, बदले में झारखंड सरकार जमीन और अन्य संसाधन उपलब्ध करायेगी.
आज आयेंगे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री गोयल
रविवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल रांची आयेंगे. उनकी मौजूदगी में एनटीपीसी और राज्य सरकार के बीच एग्रीमेंट पर साइन होगा.

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