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कई रिसर्च पेपर देख ग्लानि होती है : प्रोवीसी

10 दिवसीय रिसर्च मैथेडोलॉजी कोर्स का समापनमुख्य संवाददातारांची. रांची विवि के प्रोवीसी एम रजिउद्दीन ने कहा है कि किसी भी शोघ कार्य करने से पूर्व उसकी विधि की जानकारी रखनी जरूरी है. इसके बिना शोध की कल्पना नहीं कर सकते हैं. डॉ रजिउद्दीन आइसीएचएसआर नयी दिल्ली के द्वारा संपोषित 10 दिनी रिसर्च मैथेडोलॉजी कोर्स के […]

10 दिवसीय रिसर्च मैथेडोलॉजी कोर्स का समापनमुख्य संवाददातारांची. रांची विवि के प्रोवीसी एम रजिउद्दीन ने कहा है कि किसी भी शोघ कार्य करने से पूर्व उसकी विधि की जानकारी रखनी जरूरी है. इसके बिना शोध की कल्पना नहीं कर सकते हैं. डॉ रजिउद्दीन आइसीएचएसआर नयी दिल्ली के द्वारा संपोषित 10 दिनी रिसर्च मैथेडोलॉजी कोर्स के समापन के अवसर पर बोल रहे थे. रांची विवि डीन कार्यालय में आयोजित यह कोर्स सामाजिक विज्ञान के शोध से संबंधित था. उन्होंने कहा कि आज के विद्यार्थी शोध तो कर रहे हैं, लेकिन जब कभी भी वे ऐसे कई रिसर्च पेपर देखते हैं, तो ग्लानि होती है. चिंता होती है कि उसे कैसे सुधारा जाये. उन्होंने शोध पत्र संबंधी लेखन के विभिन्न आयामों को बताया. विशिष्ट अतिथि के रूप में एकेडमिक स्टाफ कॉलेज के निदेशक डॉ एके चौधरी ने कहा कि रिसर्च मैथेडोलॉजी पर इस तरह का कोर्स अनवरत प्रति वर्ष आयोजित होनी चाहिए, तभी शोध की गुणवत्ता में वृद्धि होगी. अतीश दीपांकर विवि ढाका के कुलपति डॉ मो अबुल हुसैन सिकदर ने कहा कि जहां तक रिसर्च का सवाल है, तो यह सच्चाई की खोज में एक यात्रा है. सही यात्रा की जानकारी, शोध विधि से मिलती है. अंतरराष्ट्रीय स्तरीय शोध के विभिन्न आयामों की जानकारी अति आवश्यक है. कार्यशाला या इसी तरह के कोर्स के आयोजन से ही हमें तथ्यों की जानकारी मिल सकेगी. प्रतिभागियों के बीच शोध सामग्री व प्रमाण पत्र का वितरण किया गया. इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत डीन डॉ करमा उरांव व धन्यवाद ज्ञापन डॉ अजीत कुमार सहाय व संचालन डॉ एसपी सिन्हा ने किया.

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