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आदेश के बाद भी नहीं लौटनेवाले अंगरक्षकों पर होगी कार्रवाई

अंगरक्षकों का दुरुपयोग रोकने के लिए लगातार मॉनीटरिंग करने का दिया गया निर्देश 187 पीएसओ और 116 होमगार्ड वापस बुलाये गये 97 अन्य पीएसओ और 21 होमगार्ड जवानों की सेवा वापसी प्रक्रिया में अंगरक्षकों का दुरुपयोग रोकने के लिए एडीजी की अध्यक्षता में सुरक्षा पूल रांची : राज्य में विभिन्न लोगों को उपलब्ध कराये गये […]

अंगरक्षकों का दुरुपयोग रोकने के लिए लगातार मॉनीटरिंग करने का दिया गया निर्देश
187 पीएसओ और 116 होमगार्ड वापस बुलाये गये
97 अन्य पीएसओ और 21 होमगार्ड जवानों की सेवा वापसी प्रक्रिया में
अंगरक्षकों का दुरुपयोग रोकने के लिए एडीजी की अध्यक्षता में सुरक्षा पूल
रांची : राज्य में विभिन्न लोगों को उपलब्ध कराये गये अंगरक्षकों, गृह रक्षकों और खानसामों की समीक्षा शुक्रवार को मुख्य सचिव राजीव गौबा ने की. इसमें यह बात सामने आयी कि कई लोगों को जरूरत नहीं रहने पर भी गलत तरीके से सुरक्षाकर्मी उपलब्ध करा दिये गये हैं.
इनमें से 187 पर्सनल सिक्यूरिटी ऑफिसर (पीएसओ) और 116 गृहरक्षकों को वापस बुला लिया गया है. उन्होंने पुलिस मुख्यालय या जिला पुलिस में योगदान दे दिया है. इसके अलावा 97 अन्य पीएसओ और 21 होमगार्ड के जवानों के वापसी की प्रक्रिया चल रही है. श्री गौबा ने आदेश दिया कि वापस नहीं लौटने वाले पीएसओ और होमगार्ड के जवानों को निलंबित करते हुए उन पर विभागीय कार्यवाही की जायेगी.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले कहा था कि राज्य में नियमों को ताक पर रख कर कई लोगों को सुरक्षाकर्मी उपलब्ध करा दिये गये हैं, जिनका गलत उपयोग भी किया जा रहा है. इसके बाद इस मामले की समीक्षा शुरू हुई है.
शुक्रवार को हुई बैठक में मुख्य सचिव ने अफसरों से पूछा कि किन कारणों से सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों और वैसे लोगों की भी सुरक्षा में इतनी बड़ी संख्या में पुलिस और होमगार्ड के जवानों की तैनाती की गयी थी, जिन्हें इसकी जरूरत ही नहीं थी.
उन्होंने पुलिस मुख्यालय और अलग-अलग जिलों द्वारा नियमों की अनदेखी कर कई लोगों को निजी सुरक्षा प्रदान किये जाने पर आश्चर्य जताया. इस तरह का मामला फिर नहीं होने देने के लिए विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिये.
कहा कि विशेष शाखा को लगातार अंगरक्षक और गृहरक्षक की तैनाती की मॉनीटरिंग करते रहना बहुत जरूरी है. मुख्य सचिव ने अंगरक्षकों और गृहरक्षकों की सेवा देने के मामले में हो रही मनमानी को रोकने के लिए विशेष शाखा के एडीजी की अध्यक्षता में अलग से सुरक्षा पूल स्थापित करने का प्रस्ताव बनाने के लिए कहा.
यह पूल अति विशिष्ट और विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा में तैनात किये जाने वाले कर्मियों की समीक्षा करेगा. पूल की सहमति से ही अंगरक्षकों, गृहरक्षकों और रसोइयों की सेवा वीआइपी लोगों को प्रदान की जा सकेगी. श्री गौबा ने साफ किया कि विशेष शाखा की अनुशंसा पर ही किसी को भी निजी सुरक्षा प्रदान की जायेगी.
उन्होंने होमगार्ड के जवानों की तैनाती केवल उन परिस्थितियों में करने के निर्देश दिये, जब नियमित पुलिसकर्मियों की उपलब्धता संभव नहीं हो. जहां नियमित पुलिसकर्मी उपलब्ध हैं, वहां पहले से तैनात किये गये होमगार्ड के जवानों की सेवा वापस लेने के निर्देश भी मुख्य सचिव ने दिये. समीक्षा बैठक में गृह सचिव एनएन पांडेय के अलावा प्रशासन और पुलिस के वरीय पदाधिकारी शामिल थे.

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