रांचीः निगरानी ब्यूरो ने जमशेदपुर स्थित मेसर्स जायसवाल मिनरल प्रोडक्टस कंपनी के खिलाफ सरकार से प्राथमिकी दर्ज की अनुमति मांगी है. जांच में कंपनी पर सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान पहुंचाने का आरोप सही पाया गया है. कंपनी ने सरकार को यह नुकसान टाटा स्टील को अधिक मात्र में पायरोक्सनाइट की आपूर्ति कर कम टर्न ओवर दिखा कर पहुंचाया है.
प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मिलने पर निगरानी आगे की कार्रवाई शुरू करेगी. जांच राज्यपाल के पूर्व सलाहकार के विजय कुमार के निर्देश पर हुई थी. इस दौरान निगरानी डीएसपी अजय मिश्र ने पाया कि कंपनी के विष्णु चंद्र चौधरी सहित दूसरे कंपनी के लोगों ने वित्तीय वर्ष 2011-12 व 13 में कंपनी को अधिक मात्र में पायरोक्सनाइट की आपूर्ति की. इसके एवज कंपनी से अधिक राशि प्राप्त की गयी, लेकिन कम टर्न ओवर दिखा कर कम वाणिज्यकर का भुगतान किया गया.
इससे सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ. जांच रिपोर्ट निगरानी ने सरकार को भेजी थी, जिसमें बताया गया था इस अवैध उत्खनन पर रोक लगाने के जिला खनन पदाधिकारी जमशेदपुर रत्नेश कुमार व खनन निरीक्षक निरंजन प्रसाद ने कोई कार्रवाई नहीं की. राजस्व का नुकसान पहुंचाने में वाणिज्य कर उपायुक्त सिंहभूम अंचल व वाणिज्य कर पदाधिकारी जमशेदपुर की भूमिका संलिप्त है. जांच रिपोर्ट के आधार पर मंत्रिमंडल निगरानी विभाग के उपसचिव विजय कुमार मुंजनी ने 24 जून को सरकारी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया था, लेकिन कंपनी पर किसी प्रकार की कार्रवाई का निर्देश नहीं मिला था.