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मैकलुस्कीगंज प्रदूषण मामले में रेलवे को जवाब दाखिल करने का निर्देश
रांची : हाइकोर्ट में सोमवार को मैकलुस्कीगंज में कोयला डंपिंग से हो रहे प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व रेलवे के रवैये पर कड़ी नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड […]
रांची : हाइकोर्ट में सोमवार को मैकलुस्कीगंज में कोयला डंपिंग से हो रहे प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व रेलवे के रवैये पर कड़ी नाराजगी जतायी.
खंडपीठ ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सीजेएम की अदालत में दर्ज करायी गयी शिकायतवाद के आलोक में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. जवाब देने के लिए समय देने के आग्रह को खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया. मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी गयी.
खंडपीठ ने मौखिक रूप से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पूछा कि आपने कितने शिकायतवाद दर्ज करायी है और उसमें से कितने में सजा दिलायी गयी है. शिकायत दर्ज करा दी जाती है, नोटिस जारी कर दिया जाता है, लेकिन सजा दिलाने की कोशिश नहीं की जाती है. खंडपीठ ने मैकलुस्कीगंज में रह रहे एंग्लो इंडियन समुदाय की जानकारी ली तथा प्रार्थी के विषय में भी जानना चाहा.
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि वह विधानसभा के मनोनीत सदस्य है तथा मैकलुस्कीगंज में ही रहते है. वहां रेलवे साइडिंग पर कोयला डंप किया जा रहा है. इससे पूरा वातावरण प्रदूषित हो गया है. वहां के पर्यावरण पर विपरीत असर पड़ रहा है.
इससे पूर्व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से बताया गया कि रेलवे अधिकारियों व संबंधित ठेकेदार के खिलाफ नोटिस जारी किया गया. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में शिकायतवाद दर्ज करायी गयी है. प्रार्थी गलेन जोसेफ गॉलस्टीन व अन्य की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है.
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