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सीएम करेंगे योजनाओं की ऑनलाइन समीक्षा

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास अब योजनाओं की ऑनलाइन समीक्षा करेंगे. इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से डैशबोर्ड बनाया जा रहा है. सीएम छत्तीसगढ़ डैशबोर्ड की तर्ज पर यह सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है, जो वाइड एरिया नेटवर्क (वैन) पर आधारित होगी. सीएम डैशबोर्ड में केंद्र की फ्लैगशिप योजनाओं समेत राज्य योजना […]

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास अब योजनाओं की ऑनलाइन समीक्षा करेंगे. इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से डैशबोर्ड बनाया जा रहा है. सीएम छत्तीसगढ़ डैशबोर्ड की तर्ज पर यह सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है, जो वाइड एरिया नेटवर्क (वैन) पर आधारित होगी. सीएम डैशबोर्ड में केंद्र की फ्लैगशिप योजनाओं समेत राज्य योजना को शामिल किया जायेगा. आइटी विभाग को सीएम डैशबोर्ड का नोडल एजेंसी बनाया गया है.
राज्य भर में केंद्र सरकार द्वारा बुनियादी सुविधाओं के विकास से संबंधित एक दर्जन से अधिक योजनाएं चलायी जा रही है. इनमें से अधिकतर योजनाओं को शामिल किया गया है. डैशबोर्ड में योजनाओं के लिए परफॉरमेंस इंडिकेटर (पीआइ स्थापित) किया जायेगा.
इससे यह पता चल पायेगा कि कौन-कौन सी योजनाएं ली गयी थीं और सरकार कौन-कौन सी योजनाओं को पूरा करने में सफल रही. परफॉरमेंस इंडिकेटर के आधार पर संवेदक, संबंधित विभागों के अभियंता और अन्य की ग्रेडिंग भी सीएम तय करेंगे.
नये सिरे से लगेगा मुख्यमंत्री कार्यकर्ता दरबार
रांची : अब नये सिरे से मुख्यमंत्री कार्यकर्ता दरबार लगाने की तैयारी की जा रही है. कार्यकर्ता दरबार में मुख्यमंत्री अब वैसे ही मामले को सुनेंगे, जिनका समाधान उपायुक्त और विभागीय स्तर पर नहीं हो पायेगा. इसको लेकर कवायद शुरू कर दी गयी है.
मुख्यमंत्री कार्यकर्ता दरबार के लिए आने वाले आवेदनों की स्क्रूटनी की जायेगी. उपायुक्त के स्तर पर सुलझने वाले मामले संबंधित जिले के उपायुक्त के पास भेज दिये जायेंगे. वहीं विभागीय स्तर के मामले को संबंधित विभाग के पास भेजा जायेगा. कार्यकर्ता अपने आवेदन ऑनलाइन भी भेज सकते हैं.
इसको लेकर एक मेल आइडी जारी की जायेगी. इसके अलावा कार्यकर्ता अपने आवेदन मुख्यमंत्री सचिवालय में जमा करा सकते हैं. मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से आवेदन पर की गयी कार्रवाई से अवगत कराया जायेगा. रघुवर दास के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अब तक तीन बार सिर्फ तीन बार ही कार्यकर्ता दरबार लगा. सात फरवरी को आखिरी बार मुख्यमंत्री का कार्यकर्ता दरबार लगा था. इसके बाद से अब तक कार्यकर्ता दरबार नहीं लगा है.
दो माह बीत जाने के बाद अब नये सिरे से कार्यकर्ता दरबार लगाने की तैयारी चल रही है. मुख्यमंत्री कार्यकर्ता दरबार के दौरान कई निजी और छोटे-छोटे मामले आये. इंदिरा आवास समेत अन्य छोटे-छोटे मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिया. जनहित से जुड़े और नीतिगत मामलों को लेकर काफी कम शिकायतें मिलीं.

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