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झामुमो का महाधिवेशन : पेश किया गया राजनीतिक प्रस्ताव, वृहद झारखंड के लिए होगा आंदोलन
बंगाल व ओड़िशा के कुछ जिले झारखंड में मिलायेंगे स्वायत्त आदिवासी मूलवासी परिषद के गठन से शुरू होगा आंदोलन जमशेदपुर : वृहद झारखंड को लेकर झामुमो आंदोलन करेगा. बंगाल और ओड़िशा के कुछ जिले झारखंड में मिलाने के लिए आंदोलन किया जायेगा. बंगाल और ओड़िशा के इन जिलों में पहले स्वायत्त आदिवासी-मूलवासी परिषद का गठन […]
बंगाल व ओड़िशा के कुछ जिले झारखंड में मिलायेंगे
स्वायत्त आदिवासी मूलवासी परिषद के गठन से शुरू होगा आंदोलन
जमशेदपुर : वृहद झारखंड को लेकर झामुमो आंदोलन करेगा. बंगाल और ओड़िशा के कुछ जिले झारखंड में मिलाने के लिए आंदोलन किया जायेगा. बंगाल और ओड़िशा के इन जिलों में पहले स्वायत्त आदिवासी-मूलवासी परिषद का गठन किया जायेगा. बिष्टुपुर गोपाल मैदान में आयोजित 10 वें महाधिवेशन में इस बाबत राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया गया.
शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बंगाल के पुरूलिया, बांकुड़ा, वीरभूम और दुर्गापुर व आसनसोल का कुछ हिस्सा, जबकि ओड़िशा के मयूरभंज, सुंदरगढ़ और क्योंझर जिला को झारखंड में मिलाने की बात स्थानीय लोग कर रहे हैं.
श्री भट्टाचार्या ने कहा कि सरायकेला जिला को ओड़िशा में मिलाने की मांग वहां की सरकार कर रही है, लेकिन सरायकेला के लोगों की ऐसी इच्छा नहीं है. उन्होंने स्वीकार किया किया कि झारखंड गठन के बाद वृहद झारखंड का आंदोलन धीमा पड़ा है, लेकिन उसे नया स्वरूप प्रदान किया जायेगा.
महाधिवेशन के दूसरे दिन राजनीति प्रस्तावों पर दो सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने सुझाव दिये.
केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 40 प्रतिशत से अधिक किसान खेती मामले में प्रशिक्षित नहीं है. झारखंड में इसका प्रतिशत क्या है और उसे कैसे सुधारा जा सकता है, इस पर चर्चा हुई. प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी के महासचिव मोहन कर्मकार, राजू गिरि, विनोद पांडेय मौजूद थे.
गुरुजी आज चुने जायेंगे अध्यक्ष और हेमंत कार्यकारी अध्यक्ष
झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को शनिवार को फिर से पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया जाना तय है. झामुमो के संविधान में बदलाव करते हुए पहली बार कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन को इसकी जिम्मेदारियां प्रदान की जायेंगी. वर्तमान में वह पार्टी के उपाध्यक्ष हैं. झामुमो के संविधान में परिवर्तन करते हुए महानगर कमेटी बनाये जाने का भी प्रस्ताव पेश किया जायेगा.
रूपी सोरेन, सीता सोरेन और विजय हांसदा भी पहुंचे
झामुमो के महाधिवेशन में पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन की पत्नी सह पार्टी उपाध्यक्ष रूपी सोरेन, विधायक सीता सोरेन और राजमहल के सांसद विजय हांसदा भी पहुंचे. शुक्रवार को दूसरे सत्र की कार्यवाही में वे शामिल थे. वहीं पूर्व विधायक विष्णु प्रसाद भैय्या भी महाधिवेशन में पहुंचे. वे बीमार चल रहे हैं. मझगांव के विधायक निरल पूर्ति महाधिवेशन के दूसरे दिन शुक्रवार को गोपाल मैदान पहुंचे. हेमंत सोरेन ने निरल को सलाह दी कि वे अपना पूरा ध्यान रखें. जरूरत महसूस हो, तो उनसे सीधे संपर्क करें.
खतियान आधारित स्थानीयता नीति के अलावा कुछ मंजूर नहीं
जमशेदपुर : राजनीतिक प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान सभी वक्ताओं ने साफ कर दिया कि स्थानीयता नीति के लिए खतियानी के अलावा दूसरी कोई शर्त उन्हें मंजूर नहीं है. डोमिसाइल का नारा झामुमो का दिया हुआ है. दूसरी पार्टियां सिर्फ अपने फायदे के लिए पकड़ने का प्रयास कर रही हैं.
झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि नियोजन के लिए सरकार के पास निश्चित रूप से एक नियोजन नीति होनी चाहिए. झामुमो अंतिम सव्रे के आधार पर जारी खतियान को ही मानने को तैयार है. झामुमो की मांग है कि थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों में स्थानीय खतियानधारियों को ही शमिल किया जाना चाहिए. जन्म का स्थान और निवास ही स्थानीयता की पहचान हो सकती है.
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