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विदेश सिंह ने नियम विरुद्ध बांटी नौकरी
सुनील चौधरी रांची : झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेएसएमडीसी) के पूर्व अध्यक्ष विदेश सिंह ने नियमों को ताक पर रख कर 153 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी और अनुबंध पर रखे गये 19 अधिकारियों को नियमित कर नियुक्ति पत्र बांटा है. उन्होंने आठ जनवरी को सभी को नियुक्ति पत्र दिया. जबकि इनके लिए पद सृजित भी […]
सुनील चौधरी
रांची : झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेएसएमडीसी) के पूर्व अध्यक्ष विदेश सिंह ने नियमों को ताक पर रख कर 153 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी और अनुबंध पर रखे गये 19 अधिकारियों को नियमित कर नियुक्ति पत्र बांटा है. उन्होंने आठ जनवरी को सभी को नियुक्ति पत्र दिया.
जबकि इनके लिए पद सृजित भी नहीं था. नियुक्ति पत्र बांटने में भारी अनियमितता बरती गयी. आरक्षण रोस्टर व सेवा शर्त नियमावली आदि का पालन नहीं किया गया. खान विभाग की ओर से गठित जांच समिति की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गयी है.
हाइकोर्ट में गया था मामला : जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने के मामले की शुरुआत हाइकोर्ट के आदेश पर नियम के अधिवक्ता की ओर से दी गयी सलाह के बाद की गयी. 63 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पदों का सृजन नहीं होने तक निगम दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमित कर्मियों के अनुरूप वेतन भत्ता दें.
हाइकोर्ट ने यह आदेश निगम की ओर से पेश किये गये उस तर्क के बाद दिया था, जिसमें कहा गया था कि निगम में फिलहाल पद सृजित नहीं है. इसकी अनुशंसा सरकार से की गयी है.
अधिवक्ता से मांगी थी राय : हाइकोर्ट का फैसला आने के बाद निगम ने अपने अधिवक्ता से राय मांगी. अधिवक्ता ने फैसले पर अपील में जाने के बदले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित कर्मियों के समान वेतन देने का सुझाव दिया. इसके बाद निगम ने इन कर्मचारियों को वेतन देना शुरू कर दिया. बाद में दूसरे कर्मचारियों ने भी अपने को नियमित करने को लेकर हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी. अदालत के फैसले के विरुद्ध निगम ने अपील भी दायर की. पर अपील में फैसला आने से पहले ही निगम ने कर्मचारियों को नियमित वेतन देना शुरू कर दिया.
अपने ही स्तर पर दिया आदेश : जांच में यह भी पाया गया कि विदेश सिंह ने नवंबर 2013 से जनवरी 2015 तक अध्यक्ष के रूप में काम करने के दौरान अनुबंध पर रखे गये कर्मचारियों की सेवा अपने ही स्तर से नियमित करने का आदेश दे दिया. जबकि आरक्षण रोस्टर एव सेवा शर्त नियमावली का पालन नहीं किया गया. समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्थापना समिति के सदस्य व निगम के कंपनी सेक्रेटरी अमित चक्रवर्ती व तत्कालीन प्रबंध निदेशक राम नरेश को भी दोषी ठहराया है.
मुख्यमंत्री ने लगायी है रोक
दिया था जांच का आदेश
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 25 जनवरी को सारे नियमितीकरण पर रोक लगा दी थी. विदेश सिंह को जेएसएमडीसी के अध्यक्ष पद से भी हटा दिया था. मुख्यमंत्री ने ही पूरे मामले की जांच कराने का आदेश दिया था. इसके बाद खान विभाग ने 27 जनवरी को जांच कमेटी का गठन किया. कमेटी के अध्यक्ष तत्कालीन भूतत्व निदेशक डॉ जेपी सिंह बनाये गये. कमेटी में उपनिदेशक खान राधा रमण व ओएसडी राजीव कुमार सुरी को सदस्य बनाया गया. 31 मार्च को कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.
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