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बच्चों को नहीं मिली किताबें
मॉडल स्कूल : समाप्त हो गया 2014-15 का शैक्षणिक सत्र रांची : मॉडल स्कूल के बच्चों को सत्र 2014-15 में किताब नहीं मिली. बच्चों को किताब के बिना पढ़ाई करनी पड़ी. सत्र शुरू होने के लगभग पांच माह बाद माध्यमिक शिक्षा परियोजना की ओर से किताब के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना को मांग भेजी गयी. […]
मॉडल स्कूल : समाप्त हो गया 2014-15 का शैक्षणिक सत्र
रांची : मॉडल स्कूल के बच्चों को सत्र 2014-15 में किताब नहीं मिली. बच्चों को किताब के बिना पढ़ाई करनी पड़ी. सत्र शुरू होने के लगभग पांच माह बाद माध्यमिक शिक्षा परियोजना की ओर से किताब के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना को मांग भेजी गयी. मार्च के प्रथम समाप्त में किताब पहुंची.
गत एक माह से राज्य भर के मॉडल स्कूल के बच्चों की किताब छोटानागपुर बालिका उच्च विद्यालय में रखी है. शैक्षणिक सत्र 2014-15 की किताब सत्र 2015-16 में बांटी जायेगी. राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा परियोजना द्वारा सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेजा गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को किताब ले जाने को कहा गया है. राज्य में कुल 89 मॉडल उच्च विद्यालय हैं.
केंद्र प्रायोजित इस योजना में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर स्कूल में सुविधा देने की बात कही गयी है. विद्यालय में पठन-पाठन में आधुनिक तरीकों के इस्तेमाल पर जोर देना है. विद्यालय में अंगरेजी माध्यम से पढ़ाई होती है. बच्चों को सरकार द्वारा नि:शुल्क किताब दी जाती है.
मॉडल स्कूल निजी स्कूलों से मुकाबला करने के उद्देश्य से खोले गये हैं. राज्य में मॉडल स्कूल की स्थिति काफी खराब है. विद्यालयों में मात्र तीन विषय के शिक्षक हैं. बच्चों को समय पर किताब तक नहीं मिलती.
कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई : विद्यालय में कक्षा छह से 12वीं तक की पढ़ाई होती है. झारखंड में प्रथम चरण में वर्ष 2011 में 40 मॉडल स्कूल खोले गये थे. वर्ष 2011 में खोले गये विद्यालय में बच्चे कक्षा दस तक में पहुंचे चुके हैं. वर्ष 2012 में 49 विद्यालय खोले गये थे. भारत सरकार ने वर्ष 2014 में 75 और विद्यालय खोलने को अपनी स्वीकृति दी है. प्रारंभ से ही बच्चों को कभी समय पर किताब नहीं मिली है. किताब के लिए राशि भारत सरकार द्वारा दी जाती है. इसके बाद भी राज्य सरकार समय पर बच्चों को किताब उपलब्ध नहीं करा पाती.
सीटों के अनुपात में स्कूल को नहीं मिलते बच्चे
मॉडल स्कूलों में कुल 3560 सीटें हैं. पर प्रति वर्ष सीट रिक्त रह जाती है. वर्ष 2014 में 2431 बच्चों का चयन हुआ. एक विद्यालय में 40 विद्यार्थी की सीट का प्रावधान है. गत वर्ष भी इन स्कूलों में सीट खाली रह गयी थी. राज्य के 89 मॉडल स्कूल में से 85 विद्यालयों में 40 से कम विद्यार्थियों का नामांकन हुआ. पांच विद्यालय में दस से भी कम विद्यार्थी का चयन हुआ. नौ विद्यालय ऐसे हैं जिनमें 20 से कम विद्यार्थी का चयन हुआ है.
निजी स्कूलों से मुकाबला
मॉडल स्कूल की परिकल्पना एक सुविधा संपन्न और आदर्श सरकारी स्कूल की है. जो निजी स्कूल से न केवल मुकाबला कर सके, बल्कि कई मायनों में उससे बेहतर हो. विद्यालय प्रखंड मुख्यालय के आसपास खोलने के पीछे ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभाशाली बच्चों को अपने घर के आसपास अंगरेजी माध्यम में बेहतर शिक्षा देना का उद्देश्य है.
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