रांचीः स्थानीयता के मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और छात्र संगठन मिल कर संघर्ष करेंगे. रविवार को मोरहाबादी के संगम गार्डन में आयोजित विचार गोष्ठी में स्थानीयता को राज्य में लागू कराने के लिए कमेटियों का गठन किया गया. विधायक बंधु तिर्की और सालखन मुरमू की पहल पर विभिन्न संगठन जुटे थे. तय किया गया कि स्थानीयता को लागू कराने के लिए आंदोलन तेज किया जायेगा. विचार गोष्ठी में भावी कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गयी.
स्थानीय नीति को लागू करने के लिए संगठनों ने साझा ड्राफ्ट कमेटी बनायी है. इसका मसौदा तैयार कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सौंपा जायेगा. ड्राफ्ट कमेटी में सालखन मुरमू, डॉ आरपी साहू, आरआइवी कुजूर, हिमांशु कच्छप, जगदीश लोहरा, अमूल्य नीरज खलखो, डॉ खालिक अहमद और मधुराम साहू को शामिल किया गया है.
इसके साथ ही आंदोलन की रूपरेखा और उसे आगे बढ़ाने के लिए संयोजक मंडली बनायी गयी है. इसमें राजू महतो, जलील अंसारी, बेलस तिर्की, राजू नागवंशी, मचकूर आलम, रितेश कुमार सिंह, एस अली और देवीदयाल मुंडा को शामिल किया गया है. झाजमं नेता लक्ष्मी नारायण मुंडा कमेटी के प्रवक्ता होंगे. अधिवक्ता पांडे आरएन राय (मनि बाबू)की अध्यक्षता में एक विधि सलाहकार समिति का भी गठन किया गया है.
इधर आरपी साहू की अध्यक्षता में आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि झारखंड के लोगों की आवाज दबाने की साजिश हो रही है. झारखंड के भूमि पुत्रों को गुमराह किया जा रहा है. लोगों का कहना था कि झारखंडियों को जल, जंगल, जमीन से विस्थापित करने की कोशिश हो रही है. गोष्ठी में सुमित्र मुरमू, अमूल्य नीरज खलखो, जगदीश लोहरा, डॉ आरपी साहू, मधु राम साहू, सुनील शाहदेव, बेलस तिर्की, दीपू सिन्हा, अब्दुल नासिर सहित कई लोग मौजूद थे.