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राज्य की 90 % ग्रामीण आबादी टय़ूबवेल पर निर्भर
रांची : झारखंड की 90 फीसदी ग्रामीण आबादी आज भी टय़ूबवेल पर निर्भर है. राज्य के 759 टोलों में ही ग्रामीण जलापूर्ति योजना कार्य कर रही है. पेयजल और स्वच्छता विभाग की मानें, तो राज्य में 4.04 लाख से अधिक टय़ूबवेल हैं, जिसमें से 65 हजार से अधिक खराब हैं. वर्किग कंडीशन में 3.34 लाख […]
रांची : झारखंड की 90 फीसदी ग्रामीण आबादी आज भी टय़ूबवेल पर निर्भर है. राज्य के 759 टोलों में ही ग्रामीण जलापूर्ति योजना कार्य कर रही है. पेयजल और स्वच्छता विभाग की मानें, तो राज्य में 4.04 लाख से अधिक टय़ूबवेल हैं, जिसमें से 65 हजार से अधिक खराब हैं.
वर्किग कंडीशन में 3.34 लाख टय़ूबवेल हैं. मुख्यमंत्री रघुवर दास, विभागीय मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी समेत मुख्य सचिव ने गरमी से निबटने के लिए विभागीय अधिकारियों को खराब पड़े चापाकलों को ठीक करने का निर्देश दिया है. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को 2019-20 तक सभी घरों में टैप वाटर की सुविधा बहाल करने का आदेश दिया है. इसके लिए सरफेस वाटर आधारित जलापूर्ति योजनाएं स्थापित करने की बातें कही गयी हैं. विभाग के प्रोग्राम मॉनीटरिंग यूनिट (पीएमयू) के मुख्य अभियंता रमेश कुमार के अनुसार सभी प्रमंडलों को 30 अप्रैल तक खराब पड़े टय़ूबवेल की मरम्मत के लिए पैसे उपलब्ध करा दिये गये हैं.
औसत से ज्यादा हैं झारखंड में टय़ूबवेल
देश भर में 150 व्यक्ति पर एक टय़ूबवेल स्थापित करने का मानक तय किया गया है. पर झारखंड में 61 लोगों के लिए एक चापानल गाड़ा गया है. पीएचइडी के 32 कार्य अंचलों में ये टय़ूबवेल अवस्थित हैं. पिछले दो वर्षो से नये टय़ूबवेल नहीं लगाये गये हैं. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि राज्य भर में सबसे अधिक टय़ूबवेल हजारीबाग में है. हजारीबाग में 17423 टय़ूबवेल हैं. इसके बाद पलामू में 17077, गोड्डा में 14657, गढ़वा में 14019, चतरा में 13878, गिरिडीह-2 में 13722, दुमका-1 जोन में 13000, गुमला में 13141, रांची पश्चिम में 12805 टय़ूबवेल चालू हालत में हैं.
टय़ूबवेल को बनाने के लिए दिये गये हैं पैसे
खराब पड़े टय़ूबवेल की मरम्मत के लिए सरकार की ओर से विभाग के सभी प्रमंडलों को पैसे उपलब्ध कराये गये हैं. 10416 टय़ूबवेल को इंडिया मार्क-3 से इंडिया मार्क-2 में बदलने के लिए प्रमंडलों को पैसा दिया गया है. इसके अलावा खराब पड़े 34782 टय़ूबवेल के राइजर पाइप बदलने की कार्रवाई भी सरकार कर रही है. टय़ूबवेल का पुनस्र्थापन के लिए 20 हजार जगहों का चयन किया गया है.
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