कोहली प्रकरण में राजेश प्रसाद की संलिप्तता पर पुलिस की जांच ठप !

रांची : रंजीत सिंह कोहली प्रकरण में उसकी मां को भगाने में मदद पहुंचाने, फिर आश्रय देने आरोप में शेरघाटी के जज राजेश प्रसाद की भूमिका पर पुलिस की जांच ठप हो गयी है. पुलिस को जज की संलिप्तता की बिंदु पर अंतिम निर्णय लेने से पहले कई बिंदुओं पर जांच करनी थी. इससे संबंधित […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 26, 2015 6:32 AM
रांची : रंजीत सिंह कोहली प्रकरण में उसकी मां को भगाने में मदद पहुंचाने, फिर आश्रय देने आरोप में शेरघाटी के जज राजेश प्रसाद की भूमिका पर पुलिस की जांच ठप हो गयी है. पुलिस को जज की संलिप्तता की बिंदु पर अंतिम निर्णय लेने से पहले कई बिंदुओं पर जांच करनी थी. इससे संबंधित निर्देश भी कोतवाली डीएसपी दीपक अंबष्ट ने गत 13 अक्तूबर, 2014 को केस के अनुसंधान को दिये थे, लेकिन यह जांच अब तक पूरी नहीं हो सकी है.
उल्लेखनीय है कि तारा शाहदेव को प्रताड़ित करने और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव देने के आरोप में रंजीत सिंह कोहली और उसकी मां कौशल रानी पर हिंदपीढ़ी थाने में केस दर्ज है. अनुसंधान के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि अभियुक्त रंजीत सिंह कोहली और कौशल रानी कोरोहित रमन और सिपाही अजय कुमार 22 अगस्त को रांची से लेकर शेरघाटी के जज राजेश प्रसाद के घर लेकर पहुंचे.
वहां से रोहित रमन रांची चला आया. इसके बाद जज राजेश प्रसाद 23 अगस्त को अपनी पत्नी और बच्चों के साथ कौशल रानी और उनकी नौकरानी को लेकर पटना पहुंचे और एक होटल में रूके थे, जबकि रंजीत सिंह कोहली सिपाही अजय कुमार के साथ दिल्ली चला गया था. 24 अगस्त को जज राजेश प्रसाद अपनी पत्नी-बच्चे समेत कौशल रानी और उनकी नौकरानी हरिमति को साथ लेकर गो एयरवेज के फ्लाइट नंबर जी8-114 से पटना से दिल्ली पहुंचे. दिल्ली के महिपाल स्थित होटल रमन में सभी लोग एक साथ ठहरे थे. इसकी सूचना मिलने पर रांची पुलिस की टीम ने दिल्ली से गत 26 अगस्त को रंजीत सिंह कोहली और कौशल रानी को गिरफ्तार किया था.
कौशल रानी को भगाने में मदद करने के इसी आरोप में डेली मार्केट सर्किल इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र सिंह के बयान पर हिंदपीढ़ी थाना में जज राजेश प्रसाद, सिपाही अजय कुमार और रोहित रमन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है. अनुसंधान में सिपाही और रोहित रमण की संलिप्तता को पुलिस ने सही पाया था, लेकिन जज की संलिप्तता की बिंदु पर पुलिस की जांच चल रही थी. उल्लेखनीय है मामले में शेरघाटी के जज ने खुद को निदरेष बताया है.
केस अनुसंधानक दारोगा ने जज से पूछताछ के लिए पटना उच्च न्यायालय को पत्र लिखा है. पूछताछ के लिए अनुमति मिलनी बाकी है. इसके साथ ही अनुसंधानक को कई बिंदुओं पर, जैसे फ्लाइट की टिकट, जिस होटल में सभी ठहरे थे, इसकी जांच बाकी है. अनुसंधान अभी लंबित हैं.
मो फारूख, हिंदपीढ़ी, थाना प्रभारी

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