रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को अदालत में मौजूद डीजीपी राजीव कुमार व गृह सचिव जेबी तुबिद से पूछा कि आरोपी विधायक सीता सोरेन कहां हैं. यह कैसे संभव है कि हाइ प्रोफाइल महिला चार माह से गायब रहे और पुलिस को पता नहीं चले. राज्यसभा चुनाव 2012 के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग मामले में सीबीआइ गवाह के अपहरण को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अनुसंधान की प्रगति पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. चीफ जस्टिस प्रकाश टाटिया व जस्टिस जया राय की खंडपीठ ने सरकार के जवाब को असंतोषजनक बताया.
कहा कि एक तरफ आरोपी को सुरक्षा मुहैया करायी जा रही थी, दूसरी तरफ हॉर्स ट्रेडिंग मामले के गवाह को सिक्यूरिटी नहीं मिल रही है. सीबीआइ रिपोर्ट का हवाला देते हुए खंडपीठ ने कहा कि गवाह विकास कुमार उर्फ शंटी पांडेय को धमकाया जा रहा है. उसे सुरक्षा नहीं दी गयी. खंडपीठ ने कहा : गृह सचिव व डीजीपी मामले में गंभीर हों. माइंड डायवर्ट नहीं करें. आरोपी को गिरफ्तार करने पर ध्यान कें द्रित करें. गिरफ्तारी से मामला स्पष्ट हो सकेगा. अदालत ने गृह सचिव व डीजीपी को सशरीर उपस्थित होने से छूट देते हुए 10 जून तक स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 11 जून को होगी.
आरोपी को मौका दिया जा रहा है खंडपीठ ने कहा : आरोपी विधायक सीता सोरेन अपहरण का प्रयास करती हैं. फिर गायब हो जाती हैं और उनके अंगरक्षक चंचल कुमार पातर, विकास कुमार सिंह 19 फरवरी को वापस हो जाते हैं. इसके बावजूद अंगरक्षक पुलिस को रिपोर्ट नहीं करते हैं. इस पर डीजीपी ने खंडपीठ को बताया कि आरोपी की सिक्यूरिटी हटा ली गयी है.
सीता सोरेन ने स्वयं अंगरक्षकों को मुक्त कर दिया था. खंडपीठ ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हाइ प्रोफाइल महिला की जान को खतरा था, इसलिए अंगरक्षक दिया गया था. आरोपी की मरजी से कैसे सिक्यूरिटी हटा ली गयी. सिक्यूरिटी को लग्जरी (ऐश्वर्य) के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. राज्यसभा चुनाव से संबंधित मामला है. विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है. ऐसा प्रतीत होता है कि जानबूझ कर आरोपी को मौका दिया जा रहा है, ताकि वह कानूनी सहायता ले सके .
हस्तक्षेप याचिका खारिज
इससे पूर्व सीता सोरेन की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर कर खंडपीठ से आग्रह किया गया कि उनका भी पक्ष सुन लिया जाये. बताया गया कि उन्हें फंसाया गया है. विकास कुमार उर्फ शंटी पांडेय, विकास कुमार सिंह, जय कुमार के खिलाफ प्रार्थी ने चोरी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है. विकास ने विद्वेष से उन पर अपहरण का आरोप लगाया है.
उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया है. खंडपीठ ने पुलिस द्वारा किये जा रहे अनुसंधान में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और कहा कि आपराधिक मामले में आरोपी को पार्टी बना कर उसका पक्ष नहीं सुना जा सकता है. इससे आरोप-प्रत्यारोप बढ़ेगा. अदालत ने याचिका खारिज कर दी. मामले में सरकार की ओर से महाधिवक्ता मो सुहैल अनवर ने जवाब दाखिल किया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. कॉल डिटेल खंगाले जा रहे हैं. वहीं सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता मो मोख्तार खान ने पक्ष रखा.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड अगेंस्ट करप्शन ने जनहित याचिका दायर कर हॉर्स ट्रे¨डग मामले में सीबीआइ गवाह को सुरक्षा मुहैया कराने व अपहरण मामले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित कराने का आग्रह किया है.