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खूंटी पुलिस ने अड़की के गांव में की घेराबंदी, दो लाख का इनामी नक्सली सोहराई समेत तीन गिरफ्तार
खूंटी: खूंटी जिला पुलिस ने दो लाख रुपये का इनामी भाकपा (माओवादी) के हार्डकोर कमांडर सोहराई मुंडा सहित हॉडकोर सदस्य रूसू मुंडा एवं बिनू मुंडा को अड़की क्षेत्र के साऊ मारंगबेड़ा गांव से गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गये नक्सलियों के पास से पुलिस ने एक देसी बोल्ट एक्शन राइफल सहित पांच जिंदा कारतूस, नक्सली […]
खूंटी: खूंटी जिला पुलिस ने दो लाख रुपये का इनामी भाकपा (माओवादी) के हार्डकोर कमांडर सोहराई मुंडा सहित हॉडकोर सदस्य रूसू मुंडा एवं बिनू मुंडा को अड़की क्षेत्र के साऊ मारंगबेड़ा गांव से गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गये नक्सलियों के पास से पुलिस ने एक देसी बोल्ट एक्शन राइफल सहित पांच जिंदा कारतूस, नक्सली साहित्य व अन्य समान जब्त किये हैं.
कैसे मिली सफलता : पुलिस अधीक्षक अनीस गुप्ता एवं सीआरपीएफ 157 बटालियन के कमांडेंट पीके सिंह को गत रविवार को गुप्त सूचना मिली कि भाकपा माओवादी का एक हथियारबंद दस्ता एरिया कमांडर डिंबा पाहन के नेतृत्व में अड़की इलाके में पहुंचा है. उनका इरादा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की है. सूचना पर तुरंत एक विशेष टीम का गठन एसपी ने किया. टीम में अपर पुलिस अधीक्षक अभियान पीआरपी मिश्र, अड़की थानेदार रतिभान सिंह, सीआरपीएफ के सहायक समादेष्टा अनूप श्रीवास्तव एवं रंजीत कुमार दूबे भी शामिल थे. टीम ने 16 मार्च को तड़के सीआरपीएफ के जवानों के साथ साऊ मारंगबेड़ा गांव की घेराबंदी की. दो दल सोहराई मुंडा के घर की तलाशी लेने पहुंचे, तो तीन युवक वहां से भागने लगे. पुलिस ने सोहराई मुंडा सहित दो अन्य नक्सलियों को खदेड़ कर गिरफ्तार कर लिया. बाद में उनकी तलाशी ली गयी, जिसमें हथियार मिले.
पांच करोड़ की लूट कांड में था शामिल
सूत्रों की मानें, तो वर्ष 2007 के आसपास तमाड़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों की ओर से एक प्राइवेट बैंक के वैन से पांच करोड़ रुपये नकद लूट लिये गये थे. उक्त घटना में सोहराई मुंडा भी नक्सलियों के साथ था. इसके अलावा पुलिस इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार हत्याकांड में भी इसका नाम सामने आया था. पुलिस को काफी दिनों से उसकी तलाश थी.
सोहराई के खिलाफ 21 मामले हैं दर्ज
सोहराई मुंडा के खिलाफ अड़की थाने में कुल 20, जबकि मुरहू में एक मामले दर्ज हैं. अधिकतर मामले हत्या व आर्म्स एक्ट के हैं. इसके अलावा रांची जिला के बुंडू एवं तमाड़ सहित पश्चिम सिंहभूम जिला के कई थानों में उसके खिलाफ मामले दर्ज हैं. पुलिस विभाग की ओर से उस पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. इनाम की राशि को पांच लाख बढ़ाने की विभागीय अनुशंसा भी हुई थी.
दस्ते के लोग कहते थे सार्जेट मेजर
सोहराई मुंडा माओवादी सरगना कुंदन पाहन का करीबी रिश्तेदार है.विश्वासी होने के कारण माओवादियों के किसी भी आयोजन के मौके पर गोली-बारूद से लेकर युवकों तक की बहाली की जिम्मेवारी सोहराई मुंडा पर ही थी. किस दस्ते को कितना हथियार और शूटर जरूरत है, यह सब सोहराई मुंडा ही तय करता था. इस कारण संगठन में उसे लोग सार्जेट मेजर के नाम से जानते थे.
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