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डॉ सिद्दीक मुजीबी की रचनाएं आज भी प्रासंगिक : कुलपति

डॉ सिद्दीक मुजीबी की शायरी के बारे में चर्चा की गयी. रांची : रांची विवि के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि डॉ सिद्दीक मुजीबी एक शायर ही नहीं, बल्कि अच्छे इनसान भी थे. डॉ पांडेय बुधवार को रांची विवि स्नातकोत्तर उर्दू विभाग में डॉ सिद्दीक मुजीबी की शायरी पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार […]

डॉ सिद्दीक मुजीबी की शायरी के बारे में चर्चा की गयी.
रांची : रांची विवि के कुलपति डॉ रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि डॉ सिद्दीक मुजीबी एक शायर ही नहीं, बल्कि अच्छे इनसान भी थे. डॉ पांडेय बुधवार को रांची विवि स्नातकोत्तर उर्दू विभाग में डॉ सिद्दीक मुजीबी की शायरी पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में बोल रहे थे. उनकी पहली बरसी पर विवि के उर्दू विभाग में यह आयोजन किया गया था. कुलपति ने कहा कि उनकी शायरी में वर्तमान स्थिति का वर्णन मिलता है.
उनकी रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं. रांची विवि के प्रतिकुलपति डॉ एम रजिउद्दीन ने कहा कि डॉ मुजीबी हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी शायरी आज भी उन्हें जीवित रखे हुए है. शायरी व गजल के वे धनी थे. उनकी रचनाओं में जिंदगी के कई आयाम नजर आते हैं. इस अवसर पर रांची सहित अलीगढ़, दिल्ली, जमशेदपुर, हजारीबाग व अन्य शहरों से आये शिक्षक व उर्दू के जानकारों ने डॉ मुजीबी की शायरी पर अपनी बातें रखीं.
आगंतुकों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ मंजर हुसैन ने किया. संचालन डॉ सरवर साजिद व धन्यवाद ज्ञापन डॉ अब्दुल क्यूम अब्दाली ने किया. इस अवसर पर डॉ अहमद सज्जाद, डॉ जावेद अहमद, मो अयूब, मो मसन्ना, शहनाज राणा, प्रो हुमायूं अशरफ, प्रो मौला बख्श, डॉ अनवर राशिद, डॉ मोईद रशीदी, प्रो अलीमुल्लाह हाली सहित अन्य लोग उपस्थित थे.

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