रांची : हाइकोर्ट में जेलों की व्यवस्था के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी की. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने कहा कि जेल में पैदा होनेवाले बच्चे का जन्म स्थान जेल के बदले उसके माता-पिता के निवास स्थान या गांव ही दर्ज किया जाये. जेल में बंद गर्भवती महिलाओं ससमय मेडिकल जांच स्त्री रोग विशेषज्ञ की देख-रेख में होनी चाहिए. प्रसव के समय शिशु रोग विशेषज्ञ उपस्थित रहें. जेल में पैदा होनेवाले शिशु को विशेष आहार भी दिया जाये. खंडपीठ ने कहा कि जेलों में रह रही गर्भवती महिलाओं को यदि प्रशासन जेल में बेहतर व्यवस्था करने में विफल रहता है, तो उन्हें औपबंधिक या नियमित जमानत दी जा सकती है. इस मामले में झालसा से सहयोग लिया जा सकता है.
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जेल में पैदा हानेवाले बच्चे का जन्म स्थान ही उसका निवास होगा : कोर्ट
रांची : हाइकोर्ट में जेलों की व्यवस्था के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी की. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने कहा कि जेल में पैदा होनेवाले बच्चे का जन्म स्थान जेल के बदले उसके माता-पिता के निवास स्थान या गांव ही […]
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