6th JPSC मामले में चयनित 326 अभ्यर्थी फिलहाल करते रहेंगे काम,सिंगल बेंच के आदेश पर झारखंड हाईकोर्ट ने लगाई रोक

झारखंड हाईकोर्ट ने 6th JPSC में चयनित अभ्यर्थियों की यथास्थिति बहाल रखने का निर्देश दिया है. साथ ही सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है. इससे 326 अभ्यर्थी फिलहाल अपने पदों पर काम करते रहेंगे. इस मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को रखी गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2021 4:17 PM

Jharkhand News (राणा प्रताप, रांची) : झारखंड हाईकोर्ट ने 6th JPSC परीक्षा को लेकर सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देने वाली अपील याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद उस आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही इस मामले में यथास्थिति बहाल रखने का निर्देश दिया. इससे इस परीक्षा में चयनित 326 अभ्यर्थियों को काफी राहत मिली है. मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर, 2021 को निर्धारित की गयी है.

अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने रिट याचिका दायर करने वालों को मामले में प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया. साथ ही उन्हें नोटिस जारी कर अगली सुनवाई के दौरान उपस्थित होने को कहा गया. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की.

खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि आपके बार-बार स्टैंड बदलने के कारण ही संदेह उत्पन्न होता है. लगता है आपकी मंशा ठीक नहीं है. एकल पीठ में सुनवाई के दौरान सरकार और JPSC रिजल्ट व अनुशंसा को सही ठहराते हैं. वहीं, अपील की सुनवाई में अपना स्टैंड बदल देते हैं और एकल पीठ के आदेश का अनुपालन करने की बात कहते हैं.

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खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 दिसंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण, झारखंड के पूर्व महाधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा, एडवोकेट सुमित गाड़ोदिया ने पक्ष रखा, जबकि सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन तथा JPSC की ओर से एडवोकेट संजय पिपरवाल ने पक्ष रखा. दूसरी ओर, हस्तक्षेप करता की ओर से सीनियर एडवोकेट अजीत कुमार, एडवोकेट अमृतांश वत्स आदि ने पक्ष रखा.

उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शिशिर तिग्गा, तालेश्वर रविदास व अन्य की ओर से अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गयी है. एकल पीठ ने गत 7 जून को 6th JPSC का रिजल्ट और अनुशंसा को रद्द कर दिया था. साथ ही 326 अधिकारियों की नियुक्ति को भी अमान्य घोषित कर दिया था. JPSC अधिकारियों के प्रति टिप्पणी की थी तथा सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था.

Posted By : Samir Ranjan.

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