नयी दिल्ली. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के महत्व को रेखांकित किया है. उन्होंने कहा कि संविधान में कैग की एक स्वंतत्र संवैधानिक सत्ता के रूप में व्यवस्था की गयी है. यह सरकार के खर्चों में गलती या गड़बड़ी पर विधायिका को सलाह देती है. राष्ट्रपति ने ऑडिट एवं एकाउंट्स सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक दल को यहां संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि महालेखाकार का गठन 1858 में किया गया. पद का नया नाम महालेखा परीक्षक नाम दिया गया. स्वतंत्र भारत के संविधान में इसे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के रूप में जाना गया.
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राष्ट्रपति ने कैग के महत्व को किया रेखांकित
नयी दिल्ली. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के महत्व को रेखांकित किया है. उन्होंने कहा कि संविधान में कैग की एक स्वंतत्र संवैधानिक सत्ता के रूप में व्यवस्था की गयी है. यह सरकार के खर्चों में गलती या गड़बड़ी पर विधायिका को सलाह देती है. राष्ट्रपति ने ऑडिट एवं […]
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