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मेरे बेटे का कसूर क्या था?
राकेश की मां की आंखों से छलके आंसू, कहा रांची : ‘इतने बड़े स्तर के अधिकारी होकर मारपीट करते हैं?. मेरा बेटा 15 वर्षो बाद झारखंड आया. क्योंकि, यहां उसकी कंपनी प्रोजेक्ट लगा रही है. इस सिलसिले में राकेश यहां आया है. आते ही उसके साथ इस तरह की घटना घटी. आखिर मेरे बेटे का […]
राकेश की मां की आंखों से छलके आंसू, कहा
रांची : ‘इतने बड़े स्तर के अधिकारी होकर मारपीट करते हैं?. मेरा बेटा 15 वर्षो बाद झारखंड आया. क्योंकि, यहां उसकी कंपनी प्रोजेक्ट लगा रही है. इस सिलसिले में राकेश यहां आया है. आते ही उसके साथ इस तरह की घटना घटी. आखिर मेरे बेटे का कसूर क्या है? इस तरह बेरहमी से उसके साथ मारपीट हुई.
यह कहना है एनटीपीसी में डीजीएम राकेश नंद सहाय की मां निर्मला सहाय का. यह कहते-कहते उनकी आंखों में आंसू भर आये. वह कहती हैं: उन्हें सोचना चाहिए, इनके नाते चार परिवार पल रहा है. हमें विश्वास है कि इसका न्याय जरूर मिलेगा.
राकेश की मां प्रभात खबर से बातचीत कर रही थीं. राकेश के पिता दिनेश नंदन सहाय भी घटना से काफी मर्माहत हैं. उन्होंने कहा: एक अधिकारी को इस तरह की बर्बतापूर्ण रवैया कहीं से भी शोभा नहीं देता है. गुरुवार को राकेश कुमार की एमआरआइ हुई. उसके शरीर में काफी चोट आयी है. हालांकि, एमआरआइ की रिपोर्ट एक-दो दिनों में आयेगी. चिकित्सकों ने इलाज किया. पांव की ड्रेसिंग भी हुई. पांव के घाव अभी गहरे हैं.
कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं राकेश
राकेश नंदन सहाय एक्सआइएसएस में पीजीडीपीएम में गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं. वर्ष 2014 से एनटीपीसी में कोल माइनिंग के क्षेत्र में अपनी सेवा दे रहे हैं. वर्तमान में एनटीपीसी कोल मांइस बिजनेस में डीजीएम के पद पर कार्यरत हैं. इसके अलावा राकेश एनटीपीसी में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे हैं.
इन पदों पर रह चुके हैं
– वर्ष 2004 से वर्ष 2006 तक -डिप्टी मैनेजर (एचआर) एनटीपीसी/एनसीआर नोएडा.
– वर्ष 2006-2009 तक- मैनेजर(एचआर) एनटीपीसी/कॉरपोरेट एचआरडी.
– वर्ष 2009 से 2012 तक- मैनेजर(एचआर)सिंघरौली थर्मल पावर स्टेशन.
– वर्ष 2003 से वर्ष 2004 तक-सीनियर ऑफिसर के पद पर भी कार्य किया.
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