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भाजपा में एक तिहाई विधायक आयातित
विधानसभा चुनाव से पहले और बाद में चला जोड़-तोड़ अभियान दूसरे दलों के कई नेता बने विधायक रांची : विधानसभा में भाजपा अब अकेले बहुमत में है. विधानसभा चुनाव और फिर बाद में विधायकों के जोड़-तोड़ का अभियान चला. अब भाजपा के पास 44 विधायक (एक नामित विधायक के साथ) हैं. इसमें से 14 विधायक […]
विधानसभा चुनाव से पहले और बाद में चला जोड़-तोड़ अभियान दूसरे दलों के कई नेता बने विधायक
रांची : विधानसभा में भाजपा अब अकेले बहुमत में है. विधानसभा चुनाव और फिर बाद में विधायकों के जोड़-तोड़ का अभियान चला. अब भाजपा के पास 44 विधायक (एक नामित विधायक के साथ) हैं. इसमें से 14 विधायक आयातित (दूसरे दलों से आने वाले) हैं. कुछ विधायक चुनाव से पहले भाजपा के साथ जुड़े. दूसरे दलों के नेता भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ कर जीते.
विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के 37 विधायक चुनाव जीते थे. तब दूसरे दलों से आये आठ नेता विधायक बने. पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर कांग्रेस से, रामचंद्र चंद्रवंशी व केदार हाजरा राजद से आये और विधायक बने. वहीं झाविमो से आये हुए निर्भय शाहबादी, ढुल्लू महतो, फूलचंद मंडल, सत्येंद्र तिवारी और जयप्रकाश भोक्ता भाजपा की टिकट पर चुनाव जीत कर आये. भाजपा ने अपने राजनीतिक दावं-पेंच से विधानसभा में पक्ष-विपक्ष का समीकरण बदल दिया है.
भाजपा का शॉफ्ट टारगेट रहा झाविमो
भाजपा ने विधानसभा से पहले और बाद में सबसे ज्यादा क्षति झाविमो को पहुंचायी. भाजपा ने झाविमो विधायकों को शॉफ्ट टारगेट बनाया. विधानसभा चुनाव से पहले झाविमो के आधा दर्जन विधायकों को तोड़ा कर पार्टी में शामिल कराया गया. इसके बाद बहुमत के आंकड़े को पाने के लिए विधानसभा चुनाव के बाद आधा दर्जन विधायकों को तोड़ कर अपने खेमे में लाया गया. हालांकि दूसरे दलों को भाजपा की ओर से ज्यादा क्षति नहीं पहुंचायी गयी थी. भाजपा ने झाविमो के कई पदाधिकारियों और नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलायी थी.
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