सरकार ने रेलवे को काम पूरा करने के लिए मार्च 2017 तक का अवधि विस्तार देने का प्रस्ताव तैयार किया है. इस अवधि विस्तार के साथ यह शर्त लगायी गयी है कि यदि इस अवधि तक काम पूरा नहीं हुआ, तो इसके बाद बचे काम की बढ़नेवाली लागत का वहन रेलवे को ही करना होगा. मार्च 2017 के बाद राज्य सरकार बढ़ी लागत में कोई हिस्सा नहीं देगी.
Advertisement
2002 से शुरू किये गये रेल प्रोजेक्ट अभी तक नहीं हो सके पूरे, सरकार की शर्तो पर राजी नहीं रेलवे
रांची: झारखंड में पिछले एक दशक से चल रहे रेलवे प्रोजेक्ट को पूरा होने में अभी और विलंब होगा. वर्ष 2002 से शुरू किये गये रेल प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए रेलवे में पांचवीं बार अवधि विस्तार देने की प्रक्रिया चल रही है. दीगर यह है कि रेलवे अवधि विस्तार के लिए राज्य सरकार द्वारा […]
रांची: झारखंड में पिछले एक दशक से चल रहे रेलवे प्रोजेक्ट को पूरा होने में अभी और विलंब होगा. वर्ष 2002 से शुरू किये गये रेल प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए रेलवे में पांचवीं बार अवधि विस्तार देने की प्रक्रिया चल रही है. दीगर यह है कि रेलवे अवधि विस्तार के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित शर्तो पर काम करने के लिए राजी नहीं है.
इस शर्त की वजह से रेलवे राज्य सरकार के साथ एमओयू करने को तैयार नहीं है. रेलवे ने कहा है कि निर्धारित समय तक प्रोजेक्ट पूरा करने का प्रयास किया जायेगा, लेकिन कई जगहों पर भूमि अधिग्रहण के कारण काम लटका हुआ है. मौजूदा परिस्थितियों में रेलवे को अकेले जिम्मेवार ठहराना सही नहीं है. फिलहाल, इस आशय की जानकारी मिलने के बाद राज्य सरकार मामले पर विचार कर रही है. परिवहन विभाग द्वारा सप्ताह भर में मुद्दे का हल निकलने की उम्मीद है. सूत्र बताते हैं कि रेलवे के इनकार के बाद संबंधित शर्त निकाल कर अवधि विस्तार दिया जा सकता है.
दोगुना से अधिक बढ़ गयी है लागत
राज्य के विभिन्न जिलों में कुल छह रेलवे प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए सरकार अब तक 2219 करोड़ रुपये दे चुकी है. खास बात यह है कि वर्ष 2002 में जब प्रोजेक्ट शुरू हुआ, तो कुल 556 किमी रेलवे लाइन बिछाने का स्टीमेट कॉस्ट 1997 करोड़ रुपये ही था. प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने के कारण वर्ष 2007 में स्टीमेट बढ़ा कर 3771 करोड़ किया गया था. उसके बाद एक बार फिर से रेलवे ने स्टीमेट बढ़ा कर 5775 करोड़ रुपये कर दिया है. एक दशक से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी रेलवे झारखंड के छह में से केवल एक प्रोजेक्ट ही पूरा कर सका है. बच गये पांच रेलवे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए चार बार अवधि विस्तार दिया जा चुका है. उल्लेखनीय है कि झारखंड में रेल लाइन बिछाने की जिम्मेवारी रेल मंत्रलय की है. झारखंड सरकार का काम रेलवे को राशि उपलब्ध कराने और काम में सहयोग देने का ही है.
दो प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण की दिक्कत
झारखंड में चल रहे रेल प्रोजेक्ट में से दो में जमीन अधिग्रहण को लेकर मामला फंसा है. रांची-बड़काकाना-हजारीबाग-कोडरमा रेल लाइन और दुमका रामपुरहाट रेल प्रोजेक्ट का काम जमीन नहीं मिलने की वजह से प्रभावित हो रहा है. रांची-लोहरदगा (टोरी तक विस्तार), कोडरमा-तिलैया, देवघर-दुमका और कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन का काम एक वर्ष के अंदर पूरा होने की उम्मीद की जा रही है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement