रांची: राज्य में प्राथमिक विद्यालय से लेकर प्लस टू स्तर के उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. विद्यालय शिक्षक विहीन हो रहे हैं. 13 वर्ष में भी राज्य सरकार स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर नहीं कर सकी. राज्य के विद्यालयों में शिक्षकों के 60 हजार पद रिक्त हैं.
राज्य के कई उच्च विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे संचालित है. प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुरूप शिक्षकों का पद सृजन नहीं हुआ. स्कूलों में विद्यार्थी के अनुपात में शिक्षक नहीं हैं. राज्य में राजकीय उवि व प्रोजेक्ट उवि में शिक्षक की नियुक्ति के लिए नियमावली नहीं है. अपग्रेड उवि में शिक्षक नियुक्ति नियमावली बनाने की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई.
* 13 वर्ष में भी शिक्षकों की कमी दूर नहीं कर सकी सरकार
* स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नहीं बनी नियमावली
शिक्षकों के 60000 पद रिक्त
राज्य के विद्यालयों में शिक्षकों के 60 हजार पद रिक्त हैं. सबसे अधिक पद प्राथमिक व मध्य विद्यालय में रिक्त है.
विद्यालय कुल पद रिक्त पद
प्रावि शिक्षक 69000 23000
पारा शिक्षक 1,17000 20000
अपग्रेड उवि 10000 10000
उूर्द शिक्षक 4401 4401
प्लस टू उवि 2100 857
राजकीयकृत उवि7,900 2500
प्रोजेक्ट उवि 1773 880
राजकीय उवि 524 379
स्कूलों की स्थिति
कई उच्च विद्यालय (उवि) एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. उवि में प्रत्येक विषय में एक शिक्षक का होना अनिवार्य है.
विद्यालय स्वीकृत पद कार्यरत
उवि लांपुग 10 01
प्रो उवि ठाकुरगांव08 01
प्रोजेक्ट बा उवि तमाड़ 08 01
प्रोजेक्ट उवि ओरमांझी 08 02
उवि लेटे 09 02
उवि पतराहातू 10 03
उवि पोगड़ा रंगामाटी10 03
उवि लांदुपडीह 10 03
25 वर्ष से नहीं हुई नियुक्ति
प्रोजेक्ट उवि में स्थापना काल से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई. राजकीय उवि में अंतिम नियुक्ति 1988-89 में हुई थी.
विद्यालय नियुक्ति वर्ष
प्राथमिक विद्यालय 2003-2004
राजकीय उवि 1988-89
प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय 1984-85
राजकीयकृत उवि 2009-2010
प्लस टू उवि 2011-12
अपग्रेड उवि अब तक नहीं
उर्दू शिक्षक अब तक नहीं