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रांची व मारवाड़ी कॉलेज को नहीं मिला एक्सीलेंस
नैक द्वारा ए ग्रेड नहीं दिये जाने से यूजीसी ने वर्ष 2015-20 के लिए नहीं दिया विस्तार इनका जुलाई 2015 में दरजा होगा समाप्त कॉलेजों ने एक्सीलेंस देने का फिर से किया आग्रह संजीव सिंह रांची : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रांची कॉलेज व मारवाड़ी कॉलेज को अगले सत्र के लिए एक्सीलेंस का दरजा […]
नैक द्वारा ए ग्रेड नहीं दिये जाने से यूजीसी ने वर्ष 2015-20 के लिए नहीं दिया विस्तार
इनका जुलाई 2015 में दरजा होगा समाप्त
कॉलेजों ने एक्सीलेंस देने का फिर से किया आग्रह
संजीव सिंह
रांची : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रांची कॉलेज व मारवाड़ी कॉलेज को अगले सत्र के लिए एक्सीलेंस का दरजा देने से इनकार कर दिया है. पिछले माह यूजीसी विशेषज्ञ समिति की बैठक में दोनों कॉलेजों को वर्ष 2015-20 के लिए एक्सीलेंस का दरजा देने की अनुशंसा नहीं की गयी. इन दोनों कॉलेजों को वर्ष 2010 में एक्सीलेंस का दरजा मिला था. इसकी अवधि जुलाई 2015 में समाप्त हो रही है.
यूजीसी के सचिव प्रो जसपाल एस संधु के अनुसार दोनों कॉलेजों को कॉलेज विथ पोटेंशियल फॉर एक्सीलेंस के तहत सत्र 2015-20 के लिए नहीं चुना गया है. वर्ष 2010 में मिले दरजा के आधार पर इन कॉलेजों को डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये दिये जाने थे. प्रथम किस्त में 75-75 लाख रुपये मिले. बाकी बचे 75-75 लाख रुपये में से रांची कॉलेज को राशि उपलब्ध करा दी गयी है. मारवाड़ी कॉलेज को भी कुछ दिनों में राशि मिल जायेगी. यूजीसी ने इन कॉलेजों को 15 दिसंबर 2015 तक उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने का निर्देश दिया है. बताया जाता है कि इन कॉलेजों को नैक द्वारा ए ग्रेड नहीं दिये जाने के कारण ही यूजीसी ने एक्सीलेंस का दरजा नहीं दिया. इन कॉलेजों को बी ग्रेड दिया गया है. हालांकि दोनों कॉलेजों ने यूजीसी को पत्र भेजकर वर्ष 2015-20 के लिए एक्सीलेंस विस्तार देने का फिर से आग्रह किया है.
क्या है कॉलेज विथ एक्सीलेंस
यूजीसी द्वारा 02 एफ व 12 बी के तहत स्वीकृत स्नातक व स्नातकोत्तर कॉलेजों को पूर्व रिकार्ड व नैक द्वारा निरीक्षण के बाद मिले ग्रेड व विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा पर पांच वर्ष के लिए कॉलेज विथ पोटेंशियल फॉर एक्सीलेंस (सीपीइ) दिया जाता है. उनको कॉलेज के विकास के लिए डेढ़ करोड़ रुपये दिये जाते हैं.
इस राशि से रिसर्च, कॉलेज में पुस्तकालय को अपग्रेड करने, स्मार्ट क्लास रूम बनाने, प्रयोगशाला में नये उपकरण की खरीद, जेनरेटर, प्रोजेक्टर या विद्यार्थियों के हित के लिए जरूरी सामान खरीदे जाते हैं. उपयोगिता प्रमाण पत्र देने के बाद संतुष्ट होने पर यूजीसी दूसरी किस्त देता है. कॉलेज के परफॉरमेंस, नैक व विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा के आधार पर पुन: एक्सीलेंस का विस्तार किया जाता है.
यूजीसी ने15 तक प्रस्ताव मांगा
यूजीसी ने राज्य के विवि से कॉलेज विथ पोटेंशियल फॉर एक्सीलेंस (सीपीइ) स्कीम के तहत 15 फरवरी 2015 तक प्रस्ताव मांगा है. एक विवि से अधिकतम आठ कॉलेजों का प्रस्ताव मांगा गया है. प्रत्येक कॉलेज को यूजीसी द्वारा दिये गये फॉरमेट के आधार पर प्रस्ताव तैयार करना है.
उक्त प्रस्ताव के आधार पर विवि द्वारा गठित कमेटी संबंधित कॉलेज का निरीक्षण कराना होगा. इस कमेटी में कुलपति के अलावा रजिस्ट्रार, सीसीडीसी/डीन व विवि से बाहर के दो या तीन सदस्य रहेंगे. यूजीसी के अनुसार इस स्कीम में एग्रीकल्चर, मेडिकल, डेंटल, नर्सिग, फार्मेसी कॉलेज शामिल नहीं होंगे.
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