रांची: अपर मुख्य सचिव सुधीर प्रसाद ने चिकित्सकों से कहा है कि वे प्रदूषित जल के प्रभावितों की जांच करने में कोताही नहीं बरतें. अपर मुख्य सचिव ने राजधानी के पत्थलकुदुवा मामले पर बुधवार को पांचवीं बैठक कर यह निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पत्थलकुदुआ का मामला सरकार के लिए आई ओपेनर की तरह है. इससे टय़ूबवेल के पानी के प्रदूषित होने की बातें भी सामने आयी हैं.
उन्होंने कहा कि पूरे इलाके में पेयजल और स्वच्छता विभाग की ओर से नयी पाइपलाइन बिछा दी गयी है. इससे दो सौ घरों में वाटर कनेक्शन दिया जायेगा. अब तक 60 से अधिक कनेक्शन दिये जा चुके हैं. एक सौ कनेक्शन होने पर पाइपलाइन से जलापूर्ति भी शुरू कर दी जायेगी. बैठक में यह बताया गया कि विभाग की ओर से नगर निगम को 246 टेस्ट किट दिये गये थे. इससे पानी में पाये जानेवाले रसायनिक तत्वों की जानकारी मिलती है.
उन्होंने यह भी बताया कि बीआइटी मेसरा की जांच रिपोर्ट भी आ गयी है. जिसमें से सिर्फ पांच टय़ूबवेल के पानी के दूषित होने की बातें कही गयी हैं. नगर निगम के अधिकारियों ने इन टय़ूबवेल को लाल रंग से रंगवा दिया है. इन टय़ूबवेल के पास यह सूचना भी लगायी गयी है कि टय़ूबवेल का पानी पीने योग्य और खाना बनाने के लायक नहीं है. अन्य कार्य पानी से किये जा सकते हैं. बैठक के दौरान स्वास्थ्य, पीएचइडी और नगर निगम के बीच समन्वय स्थापित करने के निर्देश भी दिये गये. बैठक में रांची नगर निगम, पीएचइडी, स्वास्थ्य, भूगर्भ जल निदेशालय और अन्य विभाग के कर्मी मौजूद थे.