रांची: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, झारखंड के उपसचिव आरआर मिश्र ने डीसी विनय चौबे को पत्र लिख कर नगड़ी (कांके) की भूमि शिक्षण संस्थानों को देने के मामले की जांच का निर्देश दिया है. पत्र में नियमानुसार कार्रवाई की बात कही गयी है. जांच रिपोर्ट राष्ट्रपति भवन, राजस्व एवं भूमि सुधार झारखंड तथा झारखंड दिशोम पार्टी के अध्यक्ष सालखन मुमरू को सौंपने की भी बात कही है.
उल्लेखनीय है कि नगड़ी की 227 एकड़ भूमि 1956-57 में ही सरकार ने अधिग्रहीत करने की बात कही थी. वहीं ग्रामीणों ने दावा किया था कि अधिग्रहण नहीं हुआ था. सरकार अधिग्रहीत भूमि पर लॉ यूनिवर्सिटी, ट्रिपल आइटी व आइआइएम बनाना चाहती थी. इसके लिए चहारदीवारी का काम शुरू हुआ, जिसके खिलाफ ग्रामीणों ने आंदोलन किया.
इसमें कई संगठनों व पार्टियों ने भाग लिया. मेधा पाटकर, पीए संगमा जैसे कई नेता नगड़ी आये. लगभग एक साल तक चले आंदोलन के बाद आइआइएम व ट्रिपल आइटी का निर्माण तो रुक गया, पर लॉ यूनिवर्सिटी का निर्माण जारी रहा. इस मामले से सालखन मुमरू ने राष्ट्रपति को अवगत कराया था. इसके बाद राष्ट्रपति भवन से जांच का निर्देश दिया गया था.