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अकील अख्तर आये पार्टी को मिली राहत

रांची: झामुमो विधायक अकील अख्तर के रांची आगमन से पार्टी ने राहत की सांस ली. अकील अख्तर दिन के 2.40 बजे समर्थकों के साथ शिबू सोरेन के आवास पर पहुंचे. पत्रकारों से बातचीत करते हुए अकील अख्तर ने कहा कि हर साल इस मौसम में वे अरब देशों में जाते हैं. पार्टी की जरूरत थी, […]

रांची: झामुमो विधायक अकील अख्तर के रांची आगमन से पार्टी ने राहत की सांस ली. अकील अख्तर दिन के 2.40 बजे समर्थकों के साथ शिबू सोरेन के आवास पर पहुंचे. पत्रकारों से बातचीत करते हुए अकील अख्तर ने कहा कि हर साल इस मौसम में वे अरब देशों में जाते हैं. पार्टी की जरूरत थी, इसलिए तत्काल रांची आ गये. वह विश्वासमत में हिस्सा लेंगे. मंत्री बनने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह फैसला शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेना है.

इसके पूर्व झामुमो विधायक दल की बैठक में 14 विधायक उपस्थित हुए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई बैठक में 18 जुलाई के विश्वासमत के दौरान पार्टी की रणनीति पर चर्चा हुई. विश्वासमत हासिल करने के प्रति हेमंत सोरेन आश्वस्त दिखे. सीता सोरेन और नलिन सोरेन को लेकर ज्यादा माथापच्ची हुई. दोनों ने हाइकोर्ट से सदन में उपस्थित रहने की इजाजत मांगी है. बैठक में यह भी कहा गया कि यदि कोर्ट से आदेश मिल जाता है, तो ठीक अन्यथा दोनों विधायकों के अनुपस्थित रहने पर भी पार्टी के पक्ष में आंकड़ा 41 रहेगा.

मंत्रिमंडल विस्तार पर श्री सोरेन ने विधायकों से स्पष्ट कह दिया है कि 18 जुलाई को नहीं होगा. अब बहुमत हासिल करन के बाद ही इस पर निर्णय लिया जायेगा. हेमंत सोरेन ने विधायकों को भरोसा दिलाया कि सरकार बहुमत हासिल करेगी. दिन के 11 बजे से आरंभ हुई बैठक एक बजे समाप्त हो गयी थी. उस समय केवल 14 विधायक ही उपस्थित थे. करीब 12.30 बजे निर्दलीय विधायक गीता कोड़ा और मन्नान मल्लिक भी आये. इन्होंने हेमंत सोरेन से थोड़ी देर बात की और चले गये.

ज्यादा विधायक हैं : हेमलाल
विधायक हेमलाल मुमरू ने कहा कि बैठक में विश्वासमत को लेकर चर्चा हुई. पार्टी के पास बहुमत से अधिक विधायक है. फिर रात में सभी विधायक एक साथ बैठेंगे.

राजेंद्र सिंह आये: दिन के दो बजे के करीब राजेंद्र सिंह मोरहाबादी स्थित शिबू सोरेन के आवास पर आये. करीब 15 मिनट तक उन्होंने हेमंत सोरेन से बातचीत की. बाहर निकल कर उन्होंने कहा कि सरकार बहुमत हासिल कर लेगी. स्पीकर के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक पद है.

सब एकजुट हैं : विधायक जगरनाथ महतो ने कहा कि सारे विधायक एकजुट है. सीता और नलिन कानूनी प्रक्रिया पूरी होने पर ही सदन में आयेंगे. स्पीकर को लेकर टेंशन नहीं है. बल्कि विपक्ष का एक वोट कम ही होगा. बंधु तिर्की भी मान गये हैं.

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