वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठकएजेंसियां, नयी दिल्लीकेंद्र द्वारा ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को संसद मंे पेश किये जाने के कुछ दिन बाद शुक्रवार को राज्यांे ने प्रस्तावित नयी प्रणाली में राजस्व हानि को लेकर अपनी चिंताआंे को शीघ्र दूर किये जाने की मांग की. राज्य सरकारें यह भी चाहती हैं कि उन्हें और अधिक धन जारी किया जाये तथा केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के क्रियान्वयन में उनकी भी बात सुनी जाये. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां राज्यांे के वित्त मंत्रियांे के साथ बजट बैठक की. बैठक में राज्यांे ने केंद्र प्रायोजित योजनाआंे (सीएसएस) के विकेंद्रीकरण की मांग भी उठायी. राज्यांे का यह भी कहना था कि उन्हें बाजार से ऋण जुटाने का अधिक अधिकार मिले, ताकि वे बुनियादी ढांचा विकास के वित्तपोषण के लिए धन आसानी से जुटा सकें. चार घंटे तक चली बैठक के बाद जेटली ने कहा कि बजट के लिए नीतियां बनाते वक्त हम इन सभी सुझावांे पर विचार करंेगे. राज्यांे ने यह भी मांग उठायी कि जीएसटी के जल्द से जल्द कार्यान्वयन के लिए 2015-16 के बजट में कंेद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) संबंधी मुआवजे के लिए धन का समुचित प्रावधान किया जाना चाहिए. जीएसटी के लिए संविधान संशोधन विधेयक पिछले सप्ताह लोकसभा मंे पेश किया गया.
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जीएसटी लागू होने से पूर्व मुद्दों को सुलझाना चाहते हैं राज्य
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठकएजेंसियां, नयी दिल्लीकेंद्र द्वारा ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को संसद मंे पेश किये जाने के कुछ दिन बाद शुक्रवार को राज्यांे ने प्रस्तावित नयी प्रणाली में राजस्व हानि को लेकर अपनी चिंताआंे को शीघ्र दूर किये जाने की मांग की. […]
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