केंद्रीय सरना समिति की बैठक में पांचवीं अनुसूची व सरना कोड पर चर्चाजामचुआ नामकुम में हुई बैठक,अगली बैठक 18 को लटमा मेंसंवाददाता, रांचीकेंद्रीय सरना समिति की बैठक रविवार को जामचुआ, जोजोटोली नामकुम में हुई. इसकी अध्यक्षता डॉ करमा उरांव ने की. इसमें उन्होंने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पांचवीं अनुसूची लागू है, पर इसका लाभ आदिवासियों को नहीं मिल रहा. सरकार व प्रशासन इसे लागू कराने में कोताही बरत रहे हैं. देश के 12 करोड़ आदिवासियों को धर्म कोड से वंचित रखना गलत है. इन सवालों पर आदिवासियों के एकजुट आंदोलन की जरूरत है. आदिवासी सांसदों को भी इन मुद्दों पर संसद में बहस कराने के लिए बाध्य करना होगा. बैठक में अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, सत्य नारायण लकड़ा, भगत उरांव, शंकर सुरेश उरांव, मागेंद्र तिग्गा, गंगा राम बेदिया, सनिका मुंडा, माकू लकड़ा, साधो तिर्की, मदन उरांव, अगस्त लकड़ा, समीर उरांव, सुधीर लकड़ा, मंगल कच्छप, धाना लकड़ा, अर्जुन कुजूर, मोगो मुंडा, शीलवंती मुंडा, नेहा हेमरोम, मालती सांगा, सावित्री दागल, सुकरी मुंडा, पावर्ती हेमरोम व अन्य मौजूद थे. संचालन मंगतु उरांव ने किया. अगली बैठक 18 जनवरी को लटमा हटिया में रखी गयी है.
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पांचवीं अनुसूची को नजरअंदाज कर रही है सरकार : करमा उरांव
केंद्रीय सरना समिति की बैठक में पांचवीं अनुसूची व सरना कोड पर चर्चाजामचुआ नामकुम में हुई बैठक,अगली बैठक 18 को लटमा मेंसंवाददाता, रांचीकेंद्रीय सरना समिति की बैठक रविवार को जामचुआ, जोजोटोली नामकुम में हुई. इसकी अध्यक्षता डॉ करमा उरांव ने की. इसमें उन्होंने कहा कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पांचवीं अनुसूची लागू है, पर इसका […]
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